हिन्दू बहुल राष्ट्रमें साधुओं और सन्यासियोंकी रक्षा कब, देवालयके द्वारपर लटकता मिला पुजारीका शव


जनवरी २, २०१८

राजधानी देहलीसे सटे रायबरेलीमें एक मन्दिरके पुजारीका शव मन्दिरके बाहर द्वारपर लटका मिलनेसे हडकम्प मच गया । क्षेत्रीय लोगोंका कहना है कि पुजारीकी हत्या की गई है, वहीं पुलिसका कहना है कि शवका जांच ब्यौरा आनेके पश्चात ही कुछ कहा जा सकेगा, अभी जांच की जा रही है ।

पुलिसकेद्वारा प्राप्त सूचनाके अनुसार ऊंचाहार कोतवालीके इंटौरा बुजुर्ग गांवमें बने राम जानकी मन्दिरके पुजारी बाबा प्रेमदास वहीं मन्दिर परिसरमें ही रहते थे । प्रातः गांव वालोंने देखा कि बाबा प्रेमदासका शव मन्दिरके द्वारपर लटका हुआ है, जिसकी सूचना ग्रामीणोंकेद्वारा ऊंचाहार पुलिसको दी गई । वहां पंहुची पुलिसने किसी प्रकार लोगोंको समझबुझाकर शान्त कराया और शवको जांचके लिए भेजा ।

ग्रामीणोंका कहना है कि बाबाकी हत्या कर उन्हे लटका दिया गया है । ग्रामीणोंने यह भी कहा कि मन्दिरकी भूमिको लेकर काफी समयसे विवाद चल रहा था, इसीके चलते बाबाकी हत्या की गई है ।

वहीं घटनाकी सूचना लखनऊ पंहुचते ही पुलिसके उच्च अधिकारियोंमे हडकम्प मच गया । राजधानीसे आईजी रेंज सुजीत कुमार पाण्डेय भी घटनास्थल पंहुच गए और वहांके स्थानीय लोगोंको निष्पक्ष जांचका विश्वास दिलाया ।

आईजीने कहा कि स्थानीय पुलिस प्रकरणकी जांच कर रही है और इसके लिए जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी । पुजारीकी मृत्युसे समूचे क्षेत्रमें तनाव व्याप्त है ।

 

“साधु-सन्यासियोंका देश हिदुस्तान क्या कभी अपने धर्मज्ञोंकी रक्षा कर पाएगा ? गत वर्षोंमें पूजारियों, सन्तों व साधुओंपर प्रताडनाएं व हत्याएं बढी है व सन्तोंके चरणधूलिसे पवित्र होने वाली यह भूमि अब असुरोंकी स्थली बनती जा रही है ! अतः इससे पूर्व यह महान माटी अपनी गरिमा खो दे, अब धर्मनिष्ठ राज्यकी स्थापना आवश्यक है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : एमन्यूज



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