फरवरी १४, २०१९
पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती प्रायः अपने वक्तव्योंसे विवादोंमें घिर जाती हैं । पुनः उनका एक वक्तव्य सामने आया, जिसमें वो केन्द्रको घेरनेके प्रयासमें दिखीं । उन्होंने कहा कि केन्द्र शासन राज्यपाल सत्यपाल मलिककेद्वारा राज्यमें आगसे खेलनेका प्रयास कर रही है । राज्यके मुस्लिम बहुल चरित्रको तोडनेका प्रयास कर रही है । उन्होंने कहा कि केन्द्र राज्यपालको माध्यम बनाकर जो भी निर्णय ले रही है, वो राज्यके लोगों और उनके हितोंके विरुद्घ है ।
उन्होंने कहा, “पूरे देश और केन्द्रको स्वीकार करना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर एक मुस्लिम बहुल राज्य है और बडे समुदायके साथ-साथ अल्पसंख्यकोंकी भी भावनाओंका ध्यान रखते हुए निर्णय लिए जाने चाहिए । उन्होंने (बीजेपी) न केवल पीर पंजाल और चेनाबको अनदेखा करके एक विभागका गठन किया, वरन इसके मुख्यालयके चयनमें भी भेदभाव किया । कारगिलके लिए लेह श्रीनगरसे अधिक दूर है ।
बता दें कि राज्य प्रशासनिक परिषदने गत सप्ताह ही राज्यमें एक पृथक विभाग लद्दाखका गठन किया था और लेहको इसका मुख्यालय बनाया था । इसका कारगिलमें विरोध भी हुआ था । इसके पीछे मुफ्तीने बीजेपीका हाथ होनेकी सम्भावना प्रकट की ।
महबूबा मुफ्तीने केन्द्रपर आरोप लगाते हुए कहा, ”हम राज्यमें अब लिए जा रहे निर्णयोंमें केन्द्र शासनका हस्तक्षेप देख रहे हैं, यह योजना लगती है । जिसे हमने बीजेपीको लागू करने नहीं दिया (जब पीडीपी-बीजेपी गठबंधन शासन सत्तामें था) वह अब राज्यपालकेद्वारा लागू किया जा रहा है । इसके कारण कारगिलमें एक विस्फोटक स्थिति हुई, यद्यपि यह एक शान्तिपूर्ण क्षेत्र है ।”
“राष्ट्रविरुद्ध वक्तव्य देनेवाली मुफ्तीपर अब कडी कार्यवाहीका समय आ गया है । ये लोग आतंकियोंके समर्थक है और सैनिकोंके हुतात्मा होनेपर तनिक भी संवेदना प्रकट नहीं करते हैं । महबूबाको बता दें कि यहां जो निर्णय लिए जाते हैं वे राष्ट्रहितमें लिए जाते हैं, फिर उससे किन धर्मान्ध बहुसंख्यकका भला होगा या नहीं, वह न ही महत्वपूर्ण है और न ही इस राष्ट्रका कार्य है । हिन्दू करदाता अब ऐसे आतंकियोंको उनके पोषणके लिए और अपना धन नहीं दे सकते हैं; अतः केद्र इन्हें देशसे बाहर करें !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : नभाटा
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