केरलमें अवयस्क लडकीसे ३२ लोगोंने किया दुष्कर्म, अपराधियोंका नाम बतानेसे पुलिसने किया मना


११ जनवरी, २०२१
        केरलमें एक १७ वर्षीय लडकीसे ३२ लोगोंने दुष्कर्म किया है । पुलिसने बीस अपराधियोंको बन्दी बनाया है; किन्तु उनके नाम बतानेसे पुलिसने मना कर दिया है !
      चार वर्ष पूर्व जब वह लडकी १३ वर्षकी थी, तो उसके साथ प्रथम बार दुष्कर्म किया गया था । एक वर्ष पश्चात पुनः दूसरी बार ऐसा होनेपर उसे ‘चाईल्ड केयर होम’में भेज दिया गया था । वहांसे दो वर्ष पश्चात उसे पुनः अपने माता-पिताके पास जाने दिया गया; किन्तु सुरक्षाका प्रबन्ध उसके लिए नहीं किया गया ।
       घर लौटनेके पश्चात वह पुनः कुछ माहके लिए अनुपस्थित पाई गई । एक माह पूर्व उसे पुनः पलक्कडमें ढूंढ निकाला गया और ‘निर्भया सेंटर’में भेज दिया गया । उसके अनुसार बताए गए दोषियोंको बन्दी भी बनाया गया है । ‘मल्लपुरम’के संरक्षण आयोगने संस्थामें लाई गई लडकीकी सुरक्षका निर्णय लेते हुए ‘पॉस्को’ पीडिताको लेकर नूतन नियम बनाए हैं ।
       पीडिताने बताया कि उसके साथ आजतक ३२ लोगोंने दुष्कर्म किया है, जिनमें उसका कोई परिजन अथवा सम्बन्धी नहीं है । माता-पिताके साथ घर लौटानेपर, उसके लिए कोई सुरक्षा प्रदान नहीं किए जानेके कारण, सामाजिक कार्यकर्ताओंने प्रशासनको उत्तरदायी ठहराया है । केरलका विपक्ष भी इस प्रकारके दुष्कर्मके प्रकरणपर आक्रमक रहा; क्योंकि लडकीको परिजनके साथ घर लौटनेपर कोई सुरक्षा देनेमें शासन असफल रहा; जबकि बच्चोंकी सुरक्षाके अधिकारियोंसे इस बारेमें निर्णय लेनेकी बैठक भी हुई थी ।

       केरलके वामपन्थी शासनने  अपराधियोंके नाम बतानेसे मना किया है, इससे स्पष्ट है कि ये इनके साथ ही मिले हैं; क्योंकि शासन पहले भी सुरक्षा नहीं दे पाया । ऐसे शासन व शासकगणका अन्त अत्यन्त आवश्यक हो गया है, अन्यथा ये समूचे भारतको ही नरक बना देंगे । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ

स्रोत : ऑप इंडिया



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


सूचना: समाचार / आलेखमें उद्धृत स्रोत यूआरऍल केवल समाचार / लेख प्रकाशित होनेकी तारीखपर वैध हो सकता है। उनमेंसे ज्यादातर एक दिनसे कुछ महीने पश्चात अमान्य हो सकते हैं जब कोई URL काम करनेमें विफल रहता है, तो आप स्रोत वेबसाइटके शीर्ष स्तरपर जा सकते हैं और समाचार / लेखकी खोज कर सकते हैं।

अस्वीकरण: प्रकाशित समाचार / लेख विभिन्न स्रोतोंसे एकत्र किए जाते हैं और समाचार / आलेखकी जिम्मेदारी स्रोतपर ही निर्भर होते हैं। वैदिक उपासना पीठ या इसकी वेबसाइट किसी भी तरहसे जुड़ी नहीं है और न ही यहां प्रस्तुत समाचार / लेख सामग्रीके लिए जिम्मेदार है। इस लेखमें व्यक्त राय लेखक लेखकोंकी राय है लेखकद्वारा दी गई सूचना, तथ्यों या राय, वैदिक उपासना पीठके विचारोंको प्रतिबिंबित नहीं करती है, इसके लिए वैदिक उपासना पीठ जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं है। लेखक इस लेखमें किसी भी जानकारीकी सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता और वैधताके लिए उत्तरदायी है।

विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution