कांग्रेस समर्थक अभिषेक मिश्राको हिन्दू विरोधी लेख लिखनेपर देहली पुलिसने बन्दी बनाया !


जनवरी २४, २०१९

कांग्रेसके समर्थक अभिषेक मिश्राको देहली पुलिसके विशेष विभागने भोपालसे बन्दी बनाया है । अभिषेकको केन्द्रीय गृह मन्त्री राजनाथ सिंहके विरुद्घ टिप्पणी करनेके आरोपमें बन्दी बनाया गया है ।

मध्यप्रदेश शासनने बिना स्थानीय पुलिसको सूचना दिए अभिषेकको बन्दी बनानेपर विरोध प्रकट किया है । कमलनाथ शासनने कहा है कि न्यायालयने स्पष्ट रूपसे यह दिशा निर्देश दिए हैं कि राज्योंसे किसी भी व्यक्तिको बन्दी बनाए जानेपर स्थानीय थानेको सूचना देना आवश्यक है ।

देहली पुलिसने एक गुप्त परिवादके आधारपर अभिषेकको बन्दी बनाया है । आरोप है कि अभिषेक सामाजिक प्रसार माध्यम, फेसबुक, ट्वीटर और अपने एक जालस्थलकेद्वारा भडकाऊ लेख, धार्मिक भावनाओंको आघात पहुंचानेवाले लेख लिखता था । इसके पश्चात उसे बन्दी बनाया गया है ।
मध्यप्रदेशकी राजधानी भोपालमें ब्लागर और कांग्रेस पार्टीके समर्थक अभिषेक मिश्राको गिरफ्तार किए जाने पर प्रदेश सरकारने आपत्ति प्रकट की है । स्थानीय पुलिसको सूचना दिए बिना बन्दी बनाया गया है । राज्यके गृह विभागने देहली पुलिस कमिश्नरको पत्र लिखकर आपत्ति प्रकट कराते हुए देहली पुलिसकी इस कार्यवाहीको उच्चतम न्यायालयके निर्देशोंका उल्लंघन बताया है ।
         
भोपालके कोहेफिजा क्षेत्रमें मंगलवार, २२ जनवरीको रात्रिमें लगभग साढे आठ बजे कुछ लोग जालस्थल बनवानेके नामपर अभिषेकसे मिलने आए । परिवारके अनुसार थोडी वार्ताके पश्चात वे उसे गाडीमें बैठाकर ले गए । इसके पश्चात अभिषेक मिश्राके सम्बन्धमें कोई सूचना नहीं मिली और उसका भ्रमणभाष यन्त्र भी बंद था । बुधवारको औपचारिक रूपसे यह सूचना मिली कि अभिषेकको प्रवीण कुमार, निरीक्षक, सायबर क्राइम यूनिट, विशेष विभाग, देहली पुलिसने बन्दी बनाया है ।
    
मध्यप्रदेश शासनके गृह विभागने देहली पुलिस कमिश्नरको लिखे पत्रमें कहा है कि पूरे घटनाक्रममें ऐसा प्रतीत होता है कि देहली पुलिसने माननीय उच्चतम न्यायालयके निर्देशोंका उचित रूपसे पालन नहीं किया । स्थानीय पुलिसको सूचना नहीं दी और न ही अभिषेक मिश्राके परिजनोंको सूचना दी, जिससे अपहरणकी आशंका उत्पन्न हुई । देहली पुलिसद्वारा की गई इस नियम विरुद्ध कार्यवाहीकी आवश्यक जांच की जाए । साथ ही नियम विरुद्ध कार्यवाही करनेके लिए उत्तरदायी पुलिस अधिकारीके विरुद्ध यथोचित कार्यवाही की जाकर मध्यप्रदेश शासनको अवगत करवाया जाए ।

 

“अभिषेक मिश्रा कांग्रेसके संरक्षणमें हिन्दू धर्मको अपमानित करनेशाले लेख लिखते थे तो ऐसेमें उन्हें अभीतक कठोर दण्ड क्यों नहीं दिया गया ? धार्मिक सहिष्णुताके नामपर किसीको हिन्दू बाहुल्य राष्ट्रमें धर्मविरुद्ध बोलनेकी अनुमति नहीं दी जा सकती है । क्या ऐसे राष्ट्रविरोधी कांग्रेसी तत्त्व अरब देशोंमें जाकर इस्लाम विरुद्घ लिख सकते हैं ?; परन्तु जब हिन्दू जन्महिन्दू, कर्महिन्दू, धर्मनिरपेक्ष हिन्दू, मूढ हिन्दू इनमें विभाजित हो तो ऐसे लोगोंका धर्मविरुद्ध विष उगलना स्वाभाविक है । प्रशासन अभिषेक मिश्राको कठोरसे कठोर दण्ड दें, जिससे अन्य विरोधी विरोध करनेसे पूर्व विचार करें !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : अमर उजाला



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