अप्रैल १९, २०१९
उत्तर प्रदेशके महराजगंजके घुघली क्षेत्रके बरवां चमईनिया गांवमें रविवार सन्ध्या बरवां चमईनिया निवासी जंग बहादुर राय, गांवकी रहनेवाली शाहजहां पत्नी अहमदके द्वारपर ब्याजका रुपया लेने गए थे, उन्होंने उसे १०,००० रूपए दिए थे, जिसे वे लौटा नहीं रहे थे । इस मध्य उसने पैसा देनेमें टालमटोल की तो दोनोंके मध्य विवाद होने लगा । इसके पश्चात अहमद तथा उसकी पत्नी शाहजहांने बच्चोंके साथ जंगबहादुरपर लाठी, डंडे व धारदार शस्त्रसे आक्रमण कर चोटिल कर दिया ।
इसके पश्चात अहमद तथा उसके परिजन जंगबहादुरको बगीचेमें खींच ले गए, वहां उनके साथ मारपीट की । इसके पश्चात उन्मादी अहमद तथा उसके परिजनोंने जंगबहादुरपर कुल्हाडीसे वारकर उन्हें काट डाला तथा शवको बगीचेमें छोडकर चले गए । सूचनापर पहुंची पुलिसने दो लोगोंको बन्दी बना लिया है । सोमवारको मृतकके पुत्रकी परिवादपर पुलिसने गांवके अहमद, शाहजहां खातून पत्नी अहमद, इस्तियाक, समसुल, समरूल व फिरोज पुत्रगण अहमदके विरुद्घ प्रकरण प्रविष्ट कर लिया । शाहजहां व फिरोज कारावासमें हैं । दोनोंसे पूछताछ हो रही हैं ।
“भाईचारेकी बात तो आजके समयमें केवल सर्फ ऐक्सल जैसे विज्ञापनोंपर ही मीठी लगती है; परन्तु वास्तविकताका कहीं अधिक कटु है । जंग बहादुर, जिसने आपसी लेन-देनमें जिहादी अहमदको अपने ही गांवका मानकर पैसे दिए थे, अहमदने उसीके लिए बहादुरको बकरा समझकर काट डाला, समूचे परिवारको बहादुरको काटनेमें अधिक कठिनाई नहीं हुई; क्योंकि एक तो बकरेका अनुभव है, दूसरा सामने काफिर है । क्या ऐसे निकृष्टतम लोग आपसी व्यवहारके योग्य हैं ? कहां है भाईचारा ? प्रेमका पाठ पढानेवाले सभी अभिनेता, नेता व समाचारोंका इस घटनापर मौन सबकी सत्यता उजागर करता है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : सुदर्शन न्यूज
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