जागो ! दलितोंको मुसलमान बननेसे रोकनेवाले रामालिंगमको धर्मान्धोंने दी भयानक मृत्यु, हाथ-पांव काटे !!


जनवरी ९, २०१९


दक्षिण भारतके राज्य तमिलनाडुमें धर्मान्धोंने ‘पीएमके’ नेता रामलिंगमकी क्रूरतम ढंगसे हत्या इसलिए कर दी; क्योंकि उन्होंने इस्लामिक धर्मान्तरणकारियोंको हिन्दुओंके धर्मान्तरणसे रोका था । प्रकरण तमिलनाडुके तंजावूरके कुम्भकोणमका है । समाचारके अनुसार, रामालिंगमकी हत्या ५ फरवरीकी रात्रि उस समय की गई, जब वो अपने वाहनसे कहीं जा रहे थे । रामलिंगमकी हत्याका आरोप इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन ‘पीएफआई’पर है !

बताया गया है कि रामलिंगम गांवमें धर्मपरिवर्तनका विरोध कर रहे थे; इसलिए कट्टरपंथियोंने उनकी हत्या कर दी ! पुलिसके अनुसार ५ फरवरीकी सन्ध्याको रामलिंगमका वाहन एक मुस्लिम क्षेत्रसे गुजर रहा था । इस मध्य कुछ धर्मान्धोंने उनके वाहनका पीछा किया । उन्हें रोका और तीव्र शस्त्रसे उनके पैर और सिरपर आक्रमण कर दिया, उनके हाथ और पैरोंको काटा गया, उनके १ हाथको पूर्ण रूपसे काट दिया गया । यद्यपि इसके पश्चात भी वो स्वयं ही चिकित्सालय पहुंच गए; परन्तु अधिक रक्त निकलनेके कारण उन्हें शासकीय चिकित्सालय भेज दिया गया, वहां उनकी मृत्यु हो गई !

धर्मान्तरण रोकनेके कारण रामलिंगमकी मृत्युके पश्चात स्थानीय लोग क्रोधमें आ गए और हंगामा आरम्भ कर दिया । इसके पश्चात पुलिसने समूचे कुंभकोणमकी सुरक्षा कडी कर दी । कई स्थानोंपर छापे मारे गए और फिर वीडियोके आधारपर पुलिसने ५ लोगोंको बन्दी बना लिया । पुलिसके अनुसार बन्दी आरोपियोंके नाम मोहम्मद अजहरुद्दीन, मोहम्मद रियाज, निजाम अली, सरबुद्दीन और मोहम्मद रियाज हैं !

 

“इस देशमें सभी बुद्धिजीवि लींचिंगके नामपर चीखने-चिल्लाने लगते हैं । मोदी शासनपर ही प्रश्नचिह्न लगाते हैं, क्या वे लोग अब कुछ कहेंगें ? सम्भवतः नहीं । कोई नसरुद्दीन, धर्मनिरपेक्ष हिन्दू, नीली गैंगके सदस्य, घोर अम्बेडकरवादी अथवा इस्लाम परस्त इसपर कुछ नहीं कहेगा । विश्वभरके समाचार व हिन्दू विरोधी समाचारोंको महीनेतक मुख्य समाचार बताकर चलानेवाले समाचार माध्यम इसपर मौन हैं ! इससे ही ज्ञात होता है कि हिन्दुओंके विरुद्घ एक सोचा-समझा षडयन्त्र हो रहा है । इस्लामका अर्थ ही कट्टरता है और ‘पीएफआइ’ जैसे आतंकी संगठन भारतमें खुले रूपसे सक्रिय है और कोई उन्हें कुछ नहीं कहता है, यह अचम्भित करनेका विषय है । हिन्दुओ ! अब जागनेका समय है । यदि अभी भी अपनेसे ऊपर उठकर धर्मके विषयमें सोचनेकी वृत्ति नहीं बनाई तो रामलिंगम । कहींसे भी निकल सकता है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : सुदर्शन न्यूज



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