‘भोला’ बनकर २ वर्षोंतक शोषण करता रहा जिहादी शफीक अहमद, परिवाद करनेपर युवतीका अपहरणकर प्रताडित किया !


मई ८, २०१९


युवतियोंको विवाहका वचन देकर उन्हें धोखा देनेकी घटनाएं रुकनेका नाम नहीं ले रही हैं । ऐसा ही एक वर्तमान प्रकरण उत्तर प्रदेशके मथुरामें देखनेको मिला है । यहां युवतीको प्रेमके जालमें फंसानेके लिए ‘भोला’ने कई ढंग अपनाएं । युवतीको यह भी झांसा दिया कि वो उससे किसी भी मूल्यपर विवाह करेगा । युवती इस धूर्त ‘भोला’की चालको समझ नहीं सकी और उसके चंगुलमें फंसती चली गई । परिणाम यह हुआ कि विवाहका झांसा देकर उस युवकने इस युवतीसे शारीरीक सम्बन्ध बनाए और बादमे भेद खुलनेपर उसे यातनाएं भी दीं ।

पुलिस अब इस युवककी खोज कर रही है । हाथरसकी रहनेवाली एक युवती मथुरामें चाकरी (नौकरी) करती थी और वो प्रतिदिन हाथरससे रेलयानसे मथुरा आती थी । एक दिवस उसकी भेंट एक व्यक्तिसे हुई । इसके पश्चात रेलयानमें प्रायः इस युवतीकी भेंट इस युवकसे होने लगी । इस युवकने पहचान बढानेका प्रयास किया और युवतीको अपना नाम भोला बताकर उससे मित्रता भी कर ली, तदोपरान्त दोनों एक-दूसरेको पसंद करने लगे । भोलाने वचन किया कि वो उससे विवाह करेगा और कई बार युवतीसे शारीरीक सम्बन्ध भी बनाए ।

अप्रैल २५, २०१९ को एकाएक युवतीको ज्ञात हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है; क्योंकि जिसे वो ‘भोला’ समझ रही थी या भोलाके नामसे जानती थी, उसका वास्तविक नाम शफीक अहमद है । शफीक मथुराके राया, मोहल्ला पठानपाडाका रहनेवाला है । युवतीने शफीकसे सारे सम्बन्ध तोड दिए और उसने उसे दण्ड दिलवानेका निर्णय किया ।

विगत मई ०१, २०१९ को युवती शफीकके विरुद्घ अभियोग प्रविष्ट करानेके लिए घरसे निकली; परन्तु रास्तेमें शफीकने अपने भाई और पिताके साथ मिलकर उसका अपहरण कर लिया । लगभग ५ दिवसोंतक यह युवती उनके चंगुलमें रही और उनकी यातनाएं सहती रही; परन्तु एक दिवस एकाएक अवसर पाकर युवती चंगुलसे बचकर निकल गई । मंगलवार, ७ मईको इस लडकीने मथुराके राया थानेमें जाकर शफीक और उसके घरवालोंके विरुद्घ अभियोग प्रविष्ट कराया । थानेमें परिवाद प्रविष्ट होनेके पश्चात थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रोहन लालने कहा है कि पुलिस अब इस प्रकरणकी गहराईसे छानबीन कर रही है । इस प्रकरणमें पुलिस विधानके अनुसार कार्यवाही करेगी ।

 

“धर्मान्धका जिहादी प्रेम एक पलमें ही वास्तविक रंगमें परिवर्तित हो गया कि युवतीका अपहरणकर प्रताडना देने लगा ! लव-जिहादके अनेकानेक प्रकरण आए दिन उजागर हो रहे हैं । धर्मान्धोंका कुछ नहीं होता, उन्हें तो इसके लिए सम्मान ही मिलता है कि किसप्रकार एक काफिरका जीवन नष्ट कर दिया; परन्तु हिन्दू युवतियां अपना जीवन नष्ट तो कर रही हैं और साथमें अपने परिवारको ले डूबती हैं । हिन्दू माता-पिताने अपनी पुत्रियोंको अवश्य ही पढाना चाहिए; परन्तु साथमें धर्माभिमान और हिन्दू धर्मके सर्वसंस्कार देने चाहिए, जिससे वह इस तथाकथित प्रेमके चक्करमें जिहादीके जालमें नहीं फसेगी !” –  सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : ऑप इण्डिया



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