दिसम्बर १४, २०१८
सप्ताह पूर्व ऐसा समाचार आया था कि गुजरातके वडोदरा स्थित याकूतपुराकी एक मस्जिदके द्वारपर फलक (बोर्ड) लगाकर भाजपाके एक अल्पसंख्यक नेता जाहिर कुरैशीके प्रवेशपर प्रतिबन्ध लगाया था । अब इस नेतापर वडोदरा नगर जनपद कुरैशी जमात पंचने (मुस्लिम कसाइयोंका संगठन) कार्यवाही करते हुए सोमवार, १० दिसम्बर, २०१८ को कुरैशीका सामाजिक बहिष्कार करनेकी घोषणा की है । बता दें कि जाहिर दिवंगत नेता गनी कुरैशीके बेटे हैं, जो गुजरात मुस्लिम राष्ट्रीय मंचके प्रमुख थे । आरोप है कि जाहिर ‘मंदिर वहीं बनाएंगे’का उद्घोष करते हुए एक भीडके साथ दिखे थे । समुदायके नेताओंने इसे विश्वासघात बताया ! समुदायके नेताओंने अन्य मस्जिदोंमें नेताके प्रवेशपर प्रतिबन्ध लगा दिया और उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया ।
अहमदाबादके एक व्यापारी उस्मान कुरैशीने कहा, ‘यह परिवार समुदायके विरुद्ध जानेके लिए कुख्यात है । अयोध्यामें विवादित स्थलपर मंदिर बनानेकी बात करके और ऐसी प्रतिज्ञा लेनेके पश्चात इस व्यक्तिको समाजसे बाहर कर दिया गया है । यद्यपि, जाहिर कुरैशीने कहा, ‘कुछ समाज विरोधी तत्व हैं, वे नहीं चाहते कि समाजमें शान्ति बनी रहे और वातावरण अच्छा हो । ऐसा इसलिए क्योंकि मैं भाजपाके साथ हूं !’
वहीं, मुस्लिम राष्ट्रीय मंचके राष्ट्रीय संयोजकने कहा, ‘वह स्वयं मंदिर नहीं बनाना चाहते, वरन् वह मन्दिर निर्माणके लिए लोगोंका समर्थन जुटाना चाहते हैं । मैंने उन्हें परामर्श दिया है कि अपनी योजनामें आगे बढनेसे पूर्व वह अपने समुदायके नेताओंको मनाएं !’
“यह प्रकरण धर्मान्धोंके तथाकथित भाईचारा, साम्प्रदायिक सौहार्द, गंगा-जमुनी संस्कृतिका ढोंग और हिन्दुओंके प्रति विषकारक नीतिको उजागर करता है ! कोई हिन्दू धर्मान्धों हेतु धर्मनिरपेक्षतामें अन्धा हो कुछ करे तो धर्मान्धोंद्वारा भाईचारा बताया जाता है और यदि कोई मुसलमान करे तो उसे काफिर, धोखेबाज आदि बताया जाता है, यह तथाकथित धर्मनिरपेक्षवादियोंके लिए एक सीख है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जनसत्ता
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