नवम्बर १, २०१८
सीमा सुरक्षा बलने (बीएसएफ) राजस्थानके जैसलमेर सीमापर असमान्य रूपसे बढती मुसलमानोंकी जनसंख्याको लेकर अपनी चिंता प्रकट की है । इसके बारेमें उसने केन्द्रीय गृह मन्त्रालयको भी जानकारी दी है । बीएसएफद्वारा किए एक सर्वेक्षणसे यह बात सामने आई है कि सीमावर्ती क्षेत्रोंमें मुस्लिमोंमें धार्मिक कट्टरता बढ रही है और वह अपनी पारम्परिक राजस्थानी परम्पराओंके स्थानपर अरबकी परम्पराओंको अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं । यहां रहने वाले हिन्दू और मुस्लिमोंने इस बातको स्वीकार किया है कि उनके मध्य वार्ता कम होती जा रही है ।
सर्वेक्षणमें ज्ञात हुआ है कि बालोंसे लेकर वस्त्रोंसे राजस्थानी संस्कृति ओझल हो चुकी है । जहां मुस्लिम समुदायकी जनसंख्यामें २२-२५ प्रतिशतकी वृद्धि हुई है, वहीं दूसरे समुदायोंमें केवल ८-१० प्रतिशतकी हुई है ! मुस्लिमकी धार्मिक गतिविधियोंमें भी वृद्धि हुई है । नमाज पढनेके लिए बच्चे मस्जिदोंमें निरन्तर आने लगे हैं ।
जहां मुस्लिमोंकी बढती संख्याको लेकर चेताया गया है, वहीं राष्ट्रविरोधी गतिविधियोंका कोई साक्ष्य नहीं मिला है । इसके अतिरिक्त यहांके अल्पसंख्यक समुदायका पाकिस्तानसे कोई लगाव नहीं है । साथ ही दोनों समुदायोंमें अभी तक कोई परेशानियां नहीं आई हैं ।
इस विवरणमें कहा गया है, “हिन्दू राइट विंगकी गतिविधियोंके कारण मोहनगढ, नाचना और पोखरणके हिन्दू अपने धर्मको लेकर काफी चिन्तित हो गए हैं । इन संगठनोंमें लोगोंकी भागीदारी निरन्तर बढ रही है और वह धार्मिक गतिविधियोंके विभिन्न क्षेत्रोंमें अपना विस्तार कर रहे हैं, जिसमें प्रशिक्षण, मौद्रिक और शिक्षाको साम्प्रदायिक समर्थन सम्मिलित है ।”
इस सर्वेक्षणका नाम ‘स्टडी ऑफ डेमोग्राफिक पैटर्न इन द बॉर्डर एरिया ऑफ राजस्थान एंड इट्स सिक्योरिटी इंप्लिकेशन’ है । इसमें कहा गया है कि जैसलमेरके पोखरण और मोहनगढमें मौलवी निरन्तर आते रहते हैं, विशेषतः उत्तर प्रदेशके देवबंद से ! मौलवी मुस्लिमोंको कट्टरपन सिखाते हैं और उन्हें एक भिन पहचान बनानेके लिए एकजुट होनेके लिए कहते हैं !
“यह समूचे राष्ट्रके लिए चिन्ताका विषय है । इतिहास यहीं कहता है कि धर्मान्ध प्रथम अपनी संख्या बढाते हैं, उसके पश्चात हिन्दुओंको वहांसे भगाते हैं । कश्मीर, असम, केरल, बंगाल इसमें जीवन्त उदाहरण हैं । अतः इससे पूर्व भारत भी एक इस्लामिक राष्ट्र बने, शासन इसपर त्वरित कार्यवाही करें !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : अमर उजाला
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