‘हम दो हमारे बारह’ आगामी हिन्दी चलचित्रको मुसलमानोंका विरोध
१० अगस्त, २०२२
‘हम दो हमारे बारह’ आगामी हिन्दी चलचित्रका भित्तिपत्रक प्रकाशित किया गया है । उसमें एक मुसलमान परिवारका छायाचित्र दिखाई दे रहा है । इसमें कुल मिलाकर १२ लोग दर्शाए गए हैं । इस भित्तिपत्रकके नीचे ‘शीघ्र ही चीनको पीछे छोडेंगे’, ऐसा लिखा है । यह चलचित्र जनसंख्यावृद्धिपर आधारित होनेके कारण मुसलमानोंकी ओरसे इसपर आपत्ति ली गई है ।
इस चलचित्रके दिग्दर्शक कमल चंद्राने आलोचकोंको संयम रखनेको कहते हुए स्पष्ट किया कि यह चलचित्र किसी भी विशेष समुदायपर आधारित नहीं है ।
इस विषयमें पत्रकार राणा अय्यूबने चलचित्रके भित्तीपत्रक ‘ट्विटर’पर प्रसारित किए है । उन्होंने ‘ट्विट’ किया है कि ऐसे चलचित्रोंको केन्द्रीय परिनिरीक्षण मण्डल (सेंसर बोर्ड) अनुमति कैसे देता है ? चलचित्रमें मुसलमान समाजको लक्ष्य बनाया गया है । एक मुसलमान परिवारके छायाचित्रका प्रयोगकर उसपर ‘हम दो हमारे बारह’ शीर्षक दिया गया है । यह ‘इस्लामोफोबिया’ (मुसलमानोंके विषयमें द्वेष) है ।’
यदि ‘हम दो हमारे बारह’के फलकको देखकर मुसलमान समाजको ‘इस्लामोफोबिया’ लगता है तो लगे; किन्तु यह नूतन भारतका कटु सत्य है और सभी जानते है कि जनसंख्या विस्फोटमें किसका अधिक योगदान है और कौन कितना अल्पसंख्यक है ? हिन्दू समाज प्रमुखताके साथ केन्द्र शासनसे मांग करे कि जनसंख्या वृद्धि विधान शीघ्रातिशीघ्र क्रियान्वित हो । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
Leave a Reply