वर्तमान समयमें योग्य साधनाके अभावमें सर्व सामान्य व्यक्तिका जीवन अत्यधिक कष्टप्रद है, जबकि आधुनिक विज्ञानने सुख-सुविधाओंके ढेर लगा दिए हैं; किन्तु आजके वैज्ञानिक साधनोंमें किसी भी व्यक्तिके प्रारब्धके कष्टकी तीव्रताको न्यून करनेकी क्षमता नहीं होती है; इसीलिए आजका समाज भिन्न प्रकारके कष्टोंकी तीव्रतासे पीडित है । इसके विपरीत यदि हम अखण्ड नामजप करते हैं तो प्रारब्धकी तीव्रता घट सकती है अथवा वह सहन करने योग्य हो सकता है । इसके साथ ही हम अपने संचित, जो कुल कर्मफलका जोड है, जिसे आगामी जन्मोंमें भोगना पडता है, उसपर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं । यह नामजपका महत्त्व है ।
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