मार्च २०, २०१९
भारतमें ‘आइएसआइएस’के विस्तारकी शंकामें राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग (एनआइए) पूर्ण रूपसे चौकन्ना है । भारतमें आइएसआइएस मॉड्यूलके विरुद्ध एनआइएने हैदराबादसे एक ‘आइएसआइएस’ समर्थकको बन्दी बनाया है । यह समर्थक हैदराबादकी ‘किंग्स कॉलोनी’में रह रहा था । शनिवार प्रातःकालसे ही ‘एनआइए’ हैदराबादके दो और वर्धामें एक स्थानपर छापेमारी कर रही थी ।
बता दें कि इसके पूर्व एनआइएने अगस्त २०१८ में छापेमारीके समय ‘आइएसआइएस’से सम्बन्धित दो समर्थकोंको हैदराबादसे बन्दी बनाया था । इन दोनों समर्थकों मोहम्मद अब्दुल्ला बाषित और मोहम्मद अब्दुल कादिरपर भारतमें ‘आइएसआइएस’की विचारधाराको फैलानेका आरोप था ।
शनिवार, २० अप्रैलको प्रातःकाल हैदराबाद और वर्धामें हुई छापेमारीपर एनआइएने जानकारी दी थी । ‘एनआइए’ने बताया था कि इस वर्ष फरवरीमें समर्थकोंके विरुद्ध प्रविफ्ट हुए आरोपपत्रपर ‘आइएसआइएस मॉड्यूल’के विरुद्घ नूतन छापेमारी की गई है । समर्थकोंके विरुद्ध नवीन सूचनाके आधारपर ‘एनआइए’ने ‘आइएसआइएस’के दो स्थानोंपर अन्वेषण किया है । वहीं, इस पूरे प्रकरणपर और अधिक जानकारी देनेसे ‘एनआइए’ने स्पष्ट मना कर दिया था ।
“भारतमें बढते मदरसे, मस्जिदें, इस्लामिक संस्थान भारतकी सम्प्रभुताके लिए संकट बने हैं और इनमें मुस्लिम समुदायके छात्रोंको या नवयुवकोंको आतंकका प्रशिक्षण दिया जा रहा है, यह सब गत दिवसोंमें केन्द्र शासनकी कार्यवाहीसे स्पष्ट हो चुका है । स्थान-स्थानसे पकडे जा रहे इस्लामिक आतंकी भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं । यह सब भारतकी तुष्टिकरणयुक्त राजनीतिका परिणाम है । इसी खराब राजनीतिने ही आइएसआइएस सदृश आतंकी संगठनको भारतमें फलने-फूलने दिया । यह सभी कार्यवाही पहले की जाती तो आज हमारे रक्षा बलोंको यूं एक-एक स्थानपर घूमना न पडता और अर्थहीन प्रकरणपर हम अपनी शक्ति नष्ट करनेके स्थानपर किसी योग्य स्थनपर व्यय कर रहे होते ! ”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जागरण
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