सितम्बर १७, २०१८
द्वादश ज्योतिर्लिगोंमें बाबा श्रीकाशी विश्वनाथके दर्शन-पूजनके साथ ही अब भक्तोंको प्रसाद स्वरूप उनका स्मृति चिह्न भी मिलेगा । इसमें टीशर्ट और अंगरखा, भस्म-भभूत, रुद्राक्ष-शंख, साहित्य आदि होगा । इन्हें देवालय प्रसाद काउण्टरके साथ ही ऑनलाइन भी क्रय किया जा सकेगा । देवालयकी ओर से इसके लिए उद्योग निर्धारित किया जा चुका है । सेवा प्रदाता विभाग, देवालयकी ओर से निर्धारित मूल्यपर निर्धारित गुणवत्ता वाले सामानोंका विक्रय करेगी । इसके लिए देवालय कार्यपालक समितिने उद्योगसे सभी वस्तुओंके प्रतिदर्श (सैम्पल) मंगाए हैं । प्रसादके विक्रयपर उसे नौ प्रतिशत लाभांश दिया जाएगा । जालस्थलपर इसका डेमो आरम्भ हो गया है । मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंहके अनुसार गुणवत्ता और दरपर देवालयका अधिकार होगा ।
देवालय प्रशासन लम्बे समयसे श्रद्धालुओंके लिए बाबाके चिह्नके रूपमें ऐसी व्यवस्थाका प्रयास कर रहा है । इसके लिए न्यास बैठकमें प्रस्ताव पारित कर चढाए गए वस्त्र व साहित्यको विक्रय करनेका प्रस्ताव भी पारित हुआ; लेकिन क्रियान्वयनकी दिशामें बात आगे नहीं बढ सकी । अन्तत: इसके लिए ‘ट्रिपल-पी’की राह निकाली गई ।
आनलाइन प्रसादमें भिन्नताका भी ध्याध रखा जाएगा । रुद्राक्ष एक मुखी से पञ्चमुखीतक तो लाल चन्दन व तुलसीकी माला होगी । इसके अतिरिक्त शंख, ब्रांज मेड व सिल्वर मेड पूजा आइटम, श्रीयन्त्रम और मोती भी होंगे । साहित्यमें शिव श्लोक चालीसा और सोवेनियर रूपमें स्मृति चिह्न, शिवलिंग व वस्त्रमें अंगरखा, टी शर्ट, दुपट्टा और गमछा आदि होंगे ।’
स्रोत : दैनिक जागरण
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