‘बन्दी बनानेकी बात मत करो, वरन समर्पण करनेवाले साथियोंको भी छुडा लेंगे’, निहंगोंकी ‘पुलिस’को धमकी
१८ अक्टूबर, २०२१
सोनीपतके सिंघु सीमापर जहां तथाकथित किसान आन्दोलन कर रहे हैं, वहां कुछ निहंगोंने बहुत ही निर्दयतापूर्वक एक अनुसूचित जातिके व्यक्ति लखबीरकी हत्या कर दी । आरोपी भगवंत सिंह तथा गोबिंदप्रीत सिंहने कथित रूपसे आत्मसमर्पण कर दिया ।
इसके उपरान्त, १६ अक्टूबर २०२१ को निहंग जत्थेबन्दियोंने बैठक करके निर्णय लिया कि गुरुग्रन्थ साहिबका कथित अपमान करनेवालोंको यही दण्ड दिया जाएगा । उन्होंने कहा कि २०१५ से अबतक न्याय मिला होता तो यह घटना न होती व निहंगोंको विधान हाथमें न लेना पडता । उन्होंने आगे कहा कि ‘भाजपा’ किसानोंको कुचल दे तो ठीक, हम तो शिक्षा दे चुके है ।
उन्होंने अनुसूचित जातिके लखबीर सिंहको दुष्ट बताते हुए उसकी गई हत्याको उचित बताया । निहंग बाबा रामसिंहने मायावतीके ‘बसपा’ पक्षको ब्राह्मणों पक्ष बताया; क्योंकि एक ब्राह्मण नेता सतीशचन्द्र मिश्र ‘बसपा’ में हैं ।
शिरोमणि अकाली दलके बुड्ढा दलके जत्थेदार अमानसिंहने धमकी दी कि यदि कोई गुरुग्रन्थ साहबको अपमानित करेगा तो गुरुकी सेना उसे ऐसा ही दण्ड देगी । उन्होंने कहा कि वे किसानोंकी ‘पुलिस’से रक्षा करते हैं । यदि किसीको अब बन्दी बनाया तो आत्मसमर्पितोंको भी छुडा लेंगे ।
भारतमें इतना साहस दिखानेवाले निहंगों, जत्थेदारोंकी जिह्वा पाकिस्तानमें क्यों बन्द हो जाती है ? वहां न जाने कितनी सिख बेटियोंका अपहरण हुआ है । गुरुद्वारेके ग्रन्थीकी युवा बेटीको कट्टरपन्थी उसके घरसे उठाकर ले गए एवं उसका धर्मान्तरणकर बलपूर्वक ‘निकाह’ किया । अभीतक वह नहीं लौटी है । यहां वीरता दिखाकर किसी असहाय निर्धनको क्षत-विक्षतकर हत्या करनेवाले, वहां क्यों चूडियां पहन लेते हैं ? साहस हो तो जाएं पाकिस्तान, दिखाएं पुरुषार्थ ! हमारी ढीली वैधानिक व्यवस्था, सर्वसुविधायुक्त कारागृहों, न्यायमें होते विलम्बके चलते ये यहां निर्लज्जता बदर्शाते हैं । शासन शीघ्र इनपर कठोर वैधानिक कार्यवाही करे, ऐसी मांग सभी हिन्दू शासनसे करें ! – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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