मार्च ३१, २०१९
गुजरातके अहमदाबादमें वीरमगामके निकट रविवार, ३१ मार्चको दो समुदायोंके लोगोंके मध्य झडपमें नौ लोग चोटिल हो गए । इनमेंसे दो लोगों गंभीर रूपसे चोटिल हो गए हैं । पुलिसने इसकी जानकारी दी है ।
पुलिसके एक स्थानीय अधिकारीने बताया कि दोनों समूहोंने एक-दूसरेपर डंडोंसे आक्रमण किया और पत्थर फेंकें । उन्होंने कहा कि आरोपियोंको पकडते समय पुलिसकी एक दल भी आक्रमणकी चपेटमें आ गई । पुलिसने आंसू गैसके गोले छोडकर और कुछ लोगोंको बन्दी बनाकर स्थिति नियन्त्रणमें की ।
अहमदाबाद (ग्रामीण) पुलिस अधीक्षक आरवी असारीने कहा कि मुस्लिम समुदायके कुछ सदस्योंने एक कब्रिस्तानके पास निर्माणाधीन भित्तपर दूसरे समुदायकी महिलाओंद्वारा वस्त्र सुखानेपर आपत्ति प्रकट की, जिसके कारण झडप हुई । क्षेत्रमें सुरक्षा चौकस कर दी गई है ।
“छोटी-छोटी नोंकझोंक समाजमें रहनेवालोंके मध्य होती रहती हैं; केवल वस्त्र सुखानेपर एक-दूसरेंको मारनेकी हदतक पीटना आरम्भ कर दें, पत्थर बरसाने लगे यह तो केवल धर्मान्ध ही कर सकते हैं । गत वर्षोंमें ये प्रकरण और तीव्र हुए हैं । गत दिवसोंमें आगरामें भी हिन्दुओंको मारकर उनके स्थानसे भगाया गया था, देहलीमें और अनेकानेक संवेदनशील क्षेत्र जहां धर्मान्धोंकी संख्या अधिक हो जाती है, वहां ऐसे प्रकरण सामान्य हो जाते हैं । इसका कारण इस्लामकी विषकारी मानसिकता ही है और क्या ऐसे लोग सभ्य समाजके नागरिक कहलाने योग्य भी हैं ?” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जागरण
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