अगस्त ४, २०१८
मुजफ्फरपुरके आश्रय स्थलमें (शेल्टर होम) ३४ लडकियोंके बलात्कारके प्रकरणमें दिल्ली महिला आयोगकी अध्यक्षा स्वाति मालीवालने बिहारके मुख्यमन्त्री नीतीश कुमारको एक पत्र लिखा है । दो पृष्ठके पत्रमें स्वातिने नीतीश कुमारपर कई गम्भीर आरोप लगाए हैं । स्वातिने यहां तक लिख दिया- “श्रीमान, आपकी कोई पुत्री नहीं है, परन्तु मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि यदि उन ३४ बेटियोंमें से एक भी आपकी बेटी होती, तो भी आप किसीके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करते ? आपके इस एक कर्मसे आपने इस देशकी कोटि-कोटि महिलाओं और बच्चियोंमें अपना सम्मान खोया है ।”
स्वातिने लिखा- “मैं जानती हूं कि बिहार मेरे कार्यक्षेत्रमें नहीं आता, परन्तु देशकी एक महिला होनेके कारण मैं यह पत्र लिख रही हूं । मुजफ्फरपुरके बालिका गृहकी कहानी सम्भवतः इस विश्वकी सबसे भयावय कहानियोंमें से एक हैं । यहां ‘कम से कम’ ३४ बेटियोंके साथ बार-बार दुष्कर्म किया गया और कुछकी हत्या कर के बालिका गृहमें ही गाढ दिया गया ! बेटियां ७ से १४ वर्षकी थीं । ‘एनजीओ’का स्वामी ब्रजेश ठाकुर नामका राक्षस एवं कई अधिकारी और नेता रोज रातमें आकर उनके साथ दुष्कर्म करते थे ! उन्हें दुःख है कि ‘टिस’के विवरण आनेके ३ माहतक नीतीश शासनने इसपर कोई कार्यवाही नहीं की ! शासनके एक भी मन्त्रीपर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई ! इसी का परिणाम है कि जब ब्रजेश ठाकुर समाचार माध्यमोंके दबावमें कई दिवस पश्चात बन्दी बनाया तो उसके मुखपर बहुत बडी मुस्कुराहट थी ! वह एक बडा भवन निर्माता है और उसके मुखकी हंसी उसके राजनीतिक दबावको दर्शाती है । सम्भवतः उसे पता है कि यह जर्जर व्यवस्था उसका कुछ नहीं कर पाएगी !
स्रोत : आजतक
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