१ लाख लोगोंका धर्मान्तरण, ५०,००० गांव, २५ वर्षोंके बराबर गिरिजाघर बने, भारतमें ‘कोरोना’ कालमें अत्यधिक बढे ईसाई मिशनरी


१४ अप्रैल, २०२१

     भारतमें ईसाई मिशनरियोंकी गतिविधियां बढती ही जा रही है । ‘कोरोना’ महामारीके कारण उत्पन्न हुए सड्कटका भी मिशनरियोंने अच्छा लाभ उठाया है । ‘बाइबल’का अनेक भाषाओंमें अनुवाद करनेके ‘मिशन’पर कार्य कर रही संस्था ‘अनफोल्डिंग वर्ल्ड’ के’सीईओ’ डेविड रीव्सके वक्तव्यसे यह ज्ञात हुआ है । उनका कहना है कि महामारीके मध्य भारतमें गिरिजाघरोंने ५०,००० गांवोंको गोद लिया ।
     ‘एमएनएन ऑनलाइन’से बात करते हुए डेविड रीव्सने कहा कि भारतमें महामारीके मध्य उतने गिरिजाघरोंका निर्माण हुआ, जितने पिछले २५ वर्षोंमें हुआ था । उन्होंने कहा कि लाखों व्यक्ति अब ‘जीसस क्राइस्ट’पर विश्वास कर रहे हैं और गिरिजाघरमें प्रार्थना करनेके लिए आ रहे हैं । उन्होंने कहा कि उनकी संस्था भारतके विभिन्न क्षेत्रोंमें लोगोंको ‘बाइबल’का स्थानीय भाषाओंमें अनुवाद करनेके लिए साधन उपलब्ध करा रही है ।
     उन्होंने बताया कि ‘अनफोल्डिंग वर्ल्ड’ पादरियोंको सशक्त करनेके मिशनमें लगा हुआ है । उन्होंने कहा कि भारतके लोग महामारीमें किसीसे मिल-जुल नहीं सकते थे, उन्होंने प्रार्थना प्रारम्भ की । चलभाष और ‘व्हाट्सएप्प’से उनतक ये प्रार्थनाएं पहुंची । उन्होंने बताया कि प्रत्येक गिरिजाघरको १० गांवोंमें प्रार्थना आयोजित करनेको कहा गया ।
   ईसाई मिशनरियोंने ‘कोरोना’ महामारीका लाभ उठाकर गांवों-गांवोंमें जाकर लोगोंका धर्म परिवर्तन किया है, यह अत्यन्त दुःखद घटना है । इस कार्यमें अनेक बडी संस्थाएं सम्मिलित हैं; अतः केन्द्र शासनको ऐसा विधान लागू करना चाहिए जो इस धर्मपरिवर्तनको रोक सके; अन्यथा सम्पूर्ण भारत एक दिवस ईसाई और मुस्लिम समुदायमें परिवर्तित हो जाएगा । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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