पाकिस्तानने किया स्वीकार, हमारी भूमिपर हैं आतंकवादी और जिहादी तत्त्व !


अप्रैल २९, २०१९

पाकिस्तानी सेनाने सोमवार, २९ अप्रैलको यह मान लिया कि उनके देशमें आतंकवादी और जिहादी तत्त्व हैं ! पाकिस्तानने यह भी कहा है कि देशको आतंकवादपर नियन्त्रण करनेके लिए अभी “बहुत कुछ” किए जानेकी आवश्यकता है ।

‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’के (‘आईएसपीआर’के) महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूरने सोमवारको एक सामूहिक समाचार वार्तामें (प्रेस कांफ्रेंसमें) कहा, “हम हिंसक कट्टरपन्थी संगठनों और जिहादी समूहोंका बहिष्कार करते हैं और उनके विरुद्ध कार्यवाही करते रहे हैं ।”

मेजर जनरल गफूरने कहा कि आतंकवादको नष्ट करनेके लिए अभी “बहुत कुछ किए जाने”की आवश्यकता है; क्योंकि इससे पाकिस्तानको अबतक अधिक हानि हो चुकी है । आतंकवादके कारण देशको लाखों डॉलरकी हानि हुई है ।  उन्होंने यह भी माना कि गत शासन आतंकवादपर नियन्त्रण करनेमें असफल रही है और जिसके कारण पाकिस्तानको अत्यधिक हानि हुई है ।

उन्होंने यह भी माना कि गत शासन आतंकवादपर नियन्त्रण करनेमें असफल रहीं हैं और जिसके कारण पाकिस्तानको अत्यधिक हानि हुई है ।

गफूरने कहा, “सेना और देशके वैधानिक विभाग देशके संचालनमें व्यस्त थे । यही कारण है कि हम इन प्रतिबन्धित संगठनोंके विरुद्ध कोई रणनीति नहीं बना पाए, जैसा कि आज हम कर रहे हैं ।”

मेजर जनरल गफूरने ‘भारतीय रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’को  (‘रॉ’को) पश्तून तहाफुज आंदोलनको (‘पीटीएम’को) धन उपलब्ध करानेका आरोप लगाया । यह पश्तून समुदायके लिए कार्य करनेवाला एक मानवाधिकार आन्दोलन है, जो पाकिस्तानपर उनके मानवाधिकार हननका आरोप लगाता है ।

मेजर जनरल गफूरकी टिप्पणी ऐसे समयमें आई है, जब भारत यह स्पष्ट कर चुका है कि इस्लामाबादके साथ कोई भी वार्ता तभी होगी, जब वह अपनी भूमिपर सक्रिय आतंकवादियोंके विरुद्ध ठोस कार्यवाही करेगा ।

१४ फरवरीको पुलवामामें हुए आतंकी आक्रमणके पश्चात भारतके व्यवहारमें कडापन आया है । इसमें पाकिस्तान स्थित ‘जैश-ए-मोहम्मद’ने सीआरपीएफके दलपर आक्रमण किया था, जिसमें ४४ सैनिक हुतात्मा हो गए थे ।

“पाकिस्तान स्वीकार कर रहा है; परन्तु क्या कार्यवाही कर पाएगा ? ‘सेना और देशके वैधानिक विभाग देशके संचालनमें व्यस्त थे तो कोई रणनीति नहीं बना पाए’, यह तो स्पष्ट झूठ है, जो पाकिस्तानद्वारा बोला जा रहा है । पाकिस्तान स्वयं जिहादियोंको आश्रय दिया है, जिसका प्रमाण भारतमें प्रतिबन्धित इस्लामिक संगठन हैं, जिसके सम्बन्ध पाकिस्तानी दूतावाससे थे तो क्या दूतावास भी कोई संचालनमें व्यस्त थे ? समूचे देश जानते हैं कि पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ आतंकियोंके प्रत्यक्ष समर्थक हैं । पाकिस्तान जिहादियोंको भूमि, धन और शस्त्र उपलब्ध करवाता आया है और यदि सत्यमें सेना देशके संचालनमें ही व्यस्त थी तो क्यों प्रतिदिन हिन्दू युवतियोंको उठा लिया जाता है, क्या यही संचालन है ? इस असत्य वादनसे पाकिस्तानके किसी षड्यन्त्रकी दुर्गन्ध आ रही है, जिसपर भारतने सतर्क रहना चाहिए !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

स्रोत : अमर उजाला



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