२५ नवंबर, २०२०
उत्तर प्रदेशके मुजफरनगरमें पीर खुशहालके अवैध कक्षोंको योगी शासनने ध्वस्त करा दिया । पाकिस्तानसे आकर पीर खुशहालने वह भूमि वन विभागसे ३० वर्षोंके लिए ‘लीज’पर ली थी; किन्तु आस-पासकी १०० बीघा भूमिपर अवैध निर्माण कर लिया था । ‘लीज’ समाप्त होनेपर प्रशासनने सूचनाका विज्ञापन (नोटिस) भी भेजा था; किन्तु उन्होंने अनसुना कर दिया । न्यायालयका आदेश व नियम दिखाकर अधिकारियोंने उसे रिक्त करानेका कार्य आरम्भ कर दिया । प्रथम दिवसमें दस कक्ष गिराए गए, तत्पश्चात पचास कक्ष । आगेकी कार्यवाही भी की जा रही है । खुशहालकी मृत्यु २०१७ में हो चुकी है । उसकी तीन पत्नियां थी, उनमेंसे एकने इस ध्वस्त कार्यका विरोध भी किया; किन्तु अब उसने आवासीय कक्षोंको रिक्त करना आरम्भ कर दिया है । अधिकारियोंका कहना है कि यह भूमिवन विभागको लौटा दी जाएगी । केन्द्रीय राज्यमन्त्री संजीव बालियानने पत्र लिखकर जिला अधिकारीसे प्रश्न किया कि अवैध निर्माणको रिक्त नहीं करानेके पीछे किसका दबाव है । यह भूमि हिन्दुओंके पवित्र धार्मिक स्थल शुक्रतालके अति समीप है, जहांपर ब्रह्मज्ञानी शुकदेवजीने राजा परीक्षितको श्री मद्भागवत गीताका पाठ सुनाया था । वन विभागमें प्रवेशके लिए, जहां देशवासियोंको अनुमति लेनी पडती है, वहींपर पाकिस्तानीको बिना किसी अवरोधके सौ बीघा भूमिपर, षड्यन्त्रकारियोंने अवैध निर्माण करने दिया गया, जबकि पाकिस्तानमें किसी हिन्दूको एक कुटियातक बनाने की अनुमति नहीं मिलती । स्थानीय निवासियोंके अनुसार, यहांसे ‘एलपीजी’ और ‘डीजल’ लाने-ले जानेका कार्य, ट्रकोंके माध्यमसे होता रहा है; किन्तु कभी किसी प्रकारकी कार्यवाही नहीं की गई ।
देशद्रोही शासकोंने बाहरसे आए जिहादियोंको बसानेमें पूरा साथ दिया । उनको हिन्दुओंके धर्म क्षेत्रोंमें भेजकर, अधर्मको फैलानेमें सहायता की, जबकि हिन्दुओंके मन्दिरोंको अपने अधिकारमें लेकर लूटपाट की । ऐसे देशद्रोहियोंका बहिष्कार किया जाना चाहिए । हिन्दूराष्ट्र आनेपर ऐसे अवैध नागरिक व ऐसे अधिकारियोंको देशनिकाला दिया जाएगा ।
– संपादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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