गत १५ वर्षोंसे पायल घोष बन भारतमें रह रही थी बांग्लादेशी नागरिक रोनी बेगम, बनवा लिए थे सारे परिचय पत्र
२९ जनवरी, २०२२
कर्नाटक पुलिसने एक बांग्लादेशी नागरिक महिलाको बन्दी बनाया है, जिसपर आरोप है कि वह गत १५ वर्षोंसे हिन्दू नाम धरकर यहां निवास कर रही थी । उसे २५ जनवरीको बेंगलुरूसे बन्दी बनाया गया, जहां वह अपने पति नितिन कुमारके संग रहती थी ।
रोनी बेगम १२ वर्षकी आयुमें भारत आ गई थी । उसने मुम्बई महानगरमें ‘डांस बार’में चाकरी की । उसने अपना नाम परिवर्तितकर पायल घोष रख लिया व बेंगलुरुके किसी युवक नितिन कुमारसे विवाह कर लिया । वर्ष २०१९ से दोनों बेंगलुरूके अंजननगर क्षेत्रमें रहने लगे । रोनीने ‘दर्जी’का कार्य प्रारम्भ किया । मुंबईमें निवास करते हुए उसने ‘पैन कार्ड’ बनवाया । नितिनने किसी परिचितकी सहायतासे उसका ‘आधार कार्ड’ बनवा दिया ।
वर्ष २०२० में उसपर पुलिसका ध्यान ऐसे गया कि बांग्लादेशमें उसके पिताकी मृत्यु हो गई तो वह ढाका जानेके लिए कोलकाता पहुंची । उसपर शङ्का होनेपर अधिकारियोंने उसे जानेसे रोक दिया । जांच होनेपर ज्ञात हुआ कि वह एक अवैध प्रवासी है, जो भारतकी नागरिक नहीं है ।
समूचे भारतवर्षमें ऐसे लाखों घुसपैठिये बांग्लादेशी व रोहिंग्या निवास कर रहे हैं । जिन्हें ढूंढकर निकलना अत्यन्त आवश्यक है । अनेक रोहिंग्याओंको निकालनेमें पुलिस सफल भी हुई है । ये हमारे देशके संसाधनोंपर दीमकके समान हैं । इनके निष्कासन हेतु शीघ्र ‘NRC’ लागू किया जाना चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
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