उत्तरप्रदेशमें धर्मान्ध गौ तस्करोंके इस गांवमें जानेसे भयभीत होती है पुलिस !!


दिसम्बर १, २०१८


उत्तरप्रदेशके मेरठसे सटे सरधनामें एक ऐसा गांव है, जहां दिल्ली, हरियाणा, और उत्तरप्रदेश सहित कई प्रदेशोंकी पुलिस पग रखने से भी भयभीत होती है । यहां अपराधियोंकी खोजमें दबिश देनेके लिए जाना पुलिसवालोंको भारी पडता है । शुक्रवारको भी दिल्ली पुलिसका दल जब गौ तस्करीके आरोपियोंको पकडनेके लिए दबिश डाली तो पुलिसकर्मियोंको प्राण बचाने कठिन हो गए । यही नहीं दो पुलिसकर्मियों सहित चार लोगोंको गांव वालोंने बंधक बना लिया । भारी बलके पहुंचनेके पश्चात उन्हें छुडाया गया ।


मढियाईमें शुक्रवार, ३० नवम्बरको दिल्ली पुलिसकी दबिशके समय स्थानीय पुलिस भी वहां उपस्थित थी । उसके पश्चात भी ग्रामीणोंने बन्दी बनाए गए दो-तीन आरोपियोंको पुलिससे छुडा लिया ! इस गांवमें यह कोई प्रथम घटना नहीं है । इससे पूर्व भी यहां दर्जनों बार दिल्ली, हरियाणा व पंजाबकी पुलिसपर आक्रमणकी घटनाएं हो चुकी हैं । पुलिसकी माने तो यहां रहने वाले बंजारा जातिके लोग पुलिसपर आक्रमणके लिए घरोंमें ईंट-पत्थर एकत्र करके रखते हैं ! छापेके समय महिलाएं और बच्चे भी पुलिसपर प्रहार करनेमें पीछे नहीं रहते !

मढियाईमें बंजारा जातिके काफी परिवार रहते हैं । कुछ तो व्यापारके माध्यमसे क्रय किए गए पशुओंके रुपये नहीं लौटाते तो कुछ पशु चोरीमें लिप्त रहते हैं ! महीनेमें इस गांवसे इस प्रकारके एक या दो प्रकरण सामने आ ही जाते हैं, जिसमें इस गांवके लोगोंकी खोजमें पुलिस छापा मारती रहती है, परन्तु छापेके लिए आई पुलिसपर प्रत्येक बार ग्रामीण भारी पडते हैं और बिना किसी भयके पुलिसपर आक्रमण कर देते हैं !


मढियाई गांवमें कई नेता भी हैं, जो पशु चोरोंके साथ गौ तस्करोंकी ओर हैं ! वहीं आरोपीको न छुडा पानेकी स्थितिमें ये लोग पुलिसपर लूट और महिलाओंसे अभद्रताका आरोप लगा देते हैं । यहां घरोंमें ईंट-पत्थरोंको पुलिसपर आक्रमण करनेके लिए पहलेसे एकत्र करके रखा गया है ।


शुक्रवार, ३० नवम्बरको भी दिल्ली पुलिस जब यहां पशु चोरोंकी खोजमें पहुंची तो पुलिस कर्मियोंको प्राण बचाने कठिन हो गए । यहां पुलिसके साथ वह पशु मालिक भी थे, जिनके पशु चोरी किए गए थे । पुलिस जब गांवमें पहुंची तो ग्रामीणोंकी भीडने एकसाथ आक्रमण कर दिया । इतना सब होने पर पुलिसकर्मी भाग खडे हुए ! इसी मध्य खींचातानी करते हुए वांछित आरोपियोंको भी पुलिसकी पकडसे छुडा लिया । दो पुलिसकर्मियों और पशु मालिक सहित चारको बंधक बना लिया गया । जब भारी संख्यामें बल गांवमें पहुंची तब जाकर बंधकोंको छुडाया गया ।    

छापेके समय महिलाओं व बच्चोंसे मारपीटका आरोप लगा दिया गया ! ग्रामीणोंने अलमारीके ताले तोडने और एक लाख लूटनेकी बात कही । वहीं पुलिसने चार-पांच लोगोंको बन्दी बना लिया है । पुलिस प्रशांत कपिलने बताया कि आसिफको भीडने ही छुडाया है । दो-तीन अन्य आरोपियोंको छुडानेकी बात अनुचित है ।

दिल्ली पुलिसका दल सरधना पुलिसके साथ वहां पहुंची थी । पुलिसपर पथरावकी सूचनापर सैन्य बलको वहां भेजा गया था ।

 

स्रोत : अमर उजाला



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