प्रार्थना – भावजागृतिका एक महत्त्वपूर्ण घटक (भाग – १८)
पूजापूर्व की जानेवाली प्रार्थना
हे प्रभु, अभी मैं पूजा करने जा रहा हूं, पूजा पूर्व आप हमारे पूजा-घर, हमारे वास्तु एवं हमारे चारों ओर अभेद्य सुरक्षा कवच निर्माण करें, जिससे मेरी पूजा निर्विघ्न एवं एकाग्रतापूर्वक हो सके । मेरी आजकी पूजा एवं आरती आपके श्रीचरणोंतक पहुंचे एवं मुझपर (और मेरे परिवारपर) आपकी कृपादृष्टि बनी रहे, ऐसी आपके श्रीचरणोंमें प्रार्थना है । (अनेक साधकोंने मुझसे कहा है कि पूजा करते समय उनका मन एकाग्र नहीं रह पाता है एवं पूजा करते समय भिन्न प्रकारके विघ्न निर्माण होनेके कारण पूजा भावपूर्ण नहीं हो पाती है, ऐसेमें पूजा पूर्व यह प्रार्थना करें ।)
(ये प्रार्थनाएं आप अपने इष्टदेवतासे कर सकते हैं एवं हे प्रभुके स्थानपर उनका नाम ले सकते हैं । प्रार्थना अपनी भाषामें कर सकते हैं ।)
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