जब वाहनके एक या दो पुर्जे बिगड जाएं तो उस परिवर्तित कर सकते हैं; परन्तु जब सारे पुर्जे बिगड जाए और वाहन खटारा हो जाए तो उस गाडीको कबाडीके यहां बेच, नयी गाडी लेनी चाहिए, वैसे ही जब समाजमें सब स्तरपर भ्रष्टाचार और व्यभिचार व्याप्त हो जाए तो सिवाय क्रांतिके दूसरा कोई पर्याय शेष नहीं रहता | पुनर्निर्माणसे पूर्व महाविनाश यह प्रकृतिके सृष्टिके संचालनकी पुरातन प्रक्रिया है |-तनुजा ठाकुर
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