मई ८, २०१९
उच्चतम न्यायालयका सन्दर्भ देकर झूठ बोलनेवाले राहुल गांधी आज उसी उच्चतम न्यायालयके समक्ष ‘गिडगिडाते’ दिखे । राहुलने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदीके बारेमें ‘चौकीदार चोर है’वाला वक्तव्य दिया था और इसे एक प्रकारसे अपनी पार्टीका उद्घोष बना दिया था ! कांग्रेस कार्यकर्तासे लेकर बडे नेतातक, सभीने इसका प्रयोग लिया और लोकसभामें कांग्रेसने इसके आश्रयपर वैतरणी पार करनेकी ठानी । अब राहुलने न्यायालयमें अपने इस वक्तव्यके लिए ‘बिना शर्त क्षमा’ मांगी है ।
उच्चतम न्यायालयमें याचिकापत्र प्रविष्टकर राहुलने क्षमा मांगते हुए इस प्रकरणको बंद करनेकी विनती की है । उन्होंने अपने विरुद्घ अवमानना प्रकरणको समाप्त करनेका निवेदन किया है । राहुल गांधीने कहा था, “अब तो उच्चतम न्यायालयने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है ।” इसीपर राहुलने याचिकापत्रमें कहा, “मैं माननीय उच्चतम न्यायालयका सम्मान करता हूं । मैंने कभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूपसे न्यायिक प्रक्रियामें हस्तक्षेप नहीं किया है और न ही कभी ऐसी इच्छा प्रकट की है । मैं माननीय उच्चतम न्यायालयका अनुचित सन्दर्भ देनेके लिए बिना शर्त क्षमा मांगता हूं । मैं आग्रह करता हूं कि कृपया मेरी क्षमा प्रार्थना स्वीकार की जाए और मेरे विरुद्घ चल रहे अवमानना प्रकरणको बंद कर दिया जाए ।”
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखीने उच्चतम न्यायालयमें अवमानना याचिका प्रविष्ट की थी, जिसके पश्चात यह सुनवाई प्रारम्भ हुई । न्यायालयने राहुलको उनका वक्तव्य स्पष्ट करनेका आदेश देते हुए कहा था कि न्यायालयने कभी भी ऐसा (चौकीदार चोर है) नहीं कहा । इसके पश्चात राहुल गांधीने बहाना मारा था कि निरन्तर चुनाव प्रचारके कारण उनके मुखसे ऐसा निकल गया था ।
“क्या राहुल गांधी उतनी ही तीव्रतासे अब अपनी रैलीमें चिल्लाकर कहेंगें कि चौंकीदार चोर नहीं है और ऐसा करनेको अपने कार्यकर्ताकओ कहेंगें ? जो छवि उन्होंनें माननीय प्रधानमन्त्रीकी नष्ट की है, क्या उसके लिए वे दण्डके पात्र नहीं ? झूठे आरोप-प्रत्यारोप लगाकर आजके नेता चुनाव विजयी होना चाहते हैं, यह उनकी निकृष्ट मानसिकताका ही परिचायक है ! झूठके स्थानपर राहुल गांधीको कुछ सकारात्मक करना चाहिए । कुछ सकारात्मक करेंगें तो झूठका आश्रय लेनेकी आवश्यकता नहीं होगी; परन्तु कुछ सकारात्मक करनेके लिए भी राष्ट्रप्रेमकी आवश्यकता होती है, राहुल गांधी जांच करें कि उनके हृदयमें वह है या नहीं !” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इण्डिया
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