जनवरी २५, २०१९
कैलाश मानसरोवर यात्राके मध्य राहुल गांधीके बीजिंगमें चीनके मन्त्रियों और अधिकारियोंसे भेंटपर बीजेपी आक्रामक हो गई है । शुक्रवार, २५ जनवरीको बीजेपी प्रवक्ता सम्बित पात्राने राहुल गांधीसे प्रश्न करते हुए कहा है कि क्या इस भेंटकी जानकारी विदेश मन्त्रालय और वहांके दूतावासको है ? इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई ? गुप्त रूपसे जाकर राहुलने चीनके मन्त्रियोंसे क्या वार्ता की ? इसका प्रकटीकरण होना चाहिए और राहुल गांधीको उसका उत्तर देना चाहिए ।
सम्बित पात्राका कहना है कि राहुल गांधीकी उस यात्राके समय भाजपाने उस समय भी यह बात उठाई थी कि राहुल गांधी मानसरोवर यात्राके बहाने चीनके मन्त्रियोंसे भेंट करने गए हैं । यात्रा तो एक बहाना थी । राहुलको चीनके मन्त्रियोंसे मिलना था, जबकि मानसरोवर यात्रा जानेके लिए बीजिंगका रास्ता कोई आवश्यक नहीं था; परन्तु आज राहुल गांधीने स्वयं स्वीकार किया है कि मैंने चीनके मन्त्रियोंसे भेंट की थी ।
बीजेपीका कहना है कि राहुल गांधी देशके महत्वपूर्ण नेता है और कांग्रेस पार्टीके अध्यक्ष हैं व सांसद हैं । यदि किसी दूसरे देशमें गए हैं तो उनको विदेश मन्त्रालयको सूचित करना चाहिए था । ऐसी क्या बात है ?, जिसको वह गुप्त रखना चाहते थे ।
सम्बित पात्राने कांग्रेस नेता आनंन्द शर्माके वक्तव्यकी भी आलोचना करते हुए कहा है कि आनन्द शर्माने जांच विभागोंको चेतावनी देते हुए जो देख लेनेकी चेतावनी दी है, यह लोकतन्त्रमें ठीक नहीं है । यदि कोई भ्रष्टाचार करे तो उसके विरुद्घ क्या जांच नहीं होनी चाहिए ? कितने वर्षोंतक कांग्रेसके लोग भ्रष्टाचार करते रहे और जब जांचकी बारी आई तो वह जांच विभागको चेतावनी देने लग गए हैं और देख लेनेकी चेतावनी दे रहे हैं ! यह कांग्रेसका चरित्र है ।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधीने कहा था कि वह मानसरोवर यात्राके मध्य चीनके नेताओंसे मिले तो उन्होंने बताया कि वहां प्रतिदिन ५०,००० चाकरी निकलती है । ‘ऑटोमेशन’से जब चीनको संकट उत्पन्न नहीं हुआ तो भारतको कैसे होगा ?
“यह तो एक राष्ट्रद्रोहके जैसा है । कैसे एक सांसद व विपक्षी दलका नेता उस देशसे गुप्तरूपसे मिलता है, जो भारतके प्रति विषकारी दृष्टि रखता है और इसका संज्ञान विदेश मन्त्रालय तकको नहीं है ! राहुल गांधीने राष्ट्र द्रोह किया है और केन्द्र शासन इसपर संज्ञान लेकर कार्यवाही करे । यह कोई भाजपा या कांग्रेसका प्रकरण नहीं है, वरन एक राष्ट्रीम्य मुद्दा है । इसका क्या विश्वास है कि राहुल वहां राष्ट्रविरोधी गतिविधि या वार्तामें सम्मिलित नहीं थे ? यह अस्वीकार्य है और केन्द्रको त्वरित इसपर कार्यवाही करनी चाहिए !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : आजतक
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