राजस्थानमें गहलोत शासनके मन्त्रीने सदनमें की अभद्र टिप्पणी और कहा, “राजस्थान पुरषोंका प्रदेश रहा है ‘यार’, दुष्कर्मके प्रकरणमें हम ‘नंबर वन’पर”


१० मार्च, २०२२
            राजस्थानमें ‘कांग्रेस’ शासनके मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत आए दिवस महिला सुरक्षा एवं विधेयकोंकी बात करते हैं; परन्तु वास्तविकतापर दृष्टि डालें तो भूमिपर परिस्थितियां विपरीत ही हैं । दुष्कर्मके प्रकरणमें राजस्थान देशमें प्रथम स्थानपर है । यह आंकडे राष्ट्रीय अपराध ‘रिकॉर्ड ब्यूरो’द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं । गत कुछ दिनोंसे प्रदेशमें अनेक स्थानोंपर अवयस्क एवं मूक-बधिर बालिकाओंके साथ दुष्कर्मके प्रकरण सामने आए हैं, जो राज्यकी न्याय व्यवस्थापर प्रश्नचिह्न लगाते हैं । वहीं राजस्थान शासनमें विधानसभामें संसदीय कार्य मन्त्री शान्ति धारीवालने महिलाओंके साथ होनेवाले इस दुष्कर्मपर हंसते हुए वक्तव्य दिया और कहा, “दुष्कर्मके प्रकरणमें हम ‘नंबर वन’पर हैं, अब यह दुष्कर्मके प्रकरण क्यों हैं ? कहीं न कहीं चूक है । वैसे भी राजस्थान पुरुषोंका प्रदेश रहा है ‘यार’, उसका क्या करें ?” अति तो तब हो गई, जब इस मध्य महिलाओंको लेकर दिए गए इस अभद्र टिप्पणीपर किसी भी ‘कांग्रेसी’ने उन्हें नहीं टोका । अब राष्ट्रीय महिला आयोगने धारीवालकी संवेदनहीनता टिप्पणीपर आपत्ति व्यक्त करते हुए उनके विरुद्ध कार्यवाहीकी चेतावनी दी है । उल्लेखनीय है कि राजस्थानमें महिलाओंके विरुद्ध अपराधोंका दीर्घ इतिहास रहा है । जनवरी २०२२ में एक मूक-बधिर अवयस्कके साथ दुष्कर्म किया गया तथा उसकी देहपर नुकीले ‘हथियार’से वार भी किए गए थे ।
        ऐसी मानसिकतावाले व्यक्ति सदनमें जनताके मतद्वारा पहुंचते हैं; इसलिए महोदयको चुननेमें हम भी इसमें कहीं न कहीं दोषी है ! वहीं ऐसे कुपात्र व्यक्तियोंको मन्त्री बनानेवाले राजनीतिक दलोंकी कैसी राष्ट्र विकासकी नीति होगी ? इसको हम सभी सरलतासे समझ सकते हैं । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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