अगस्त ३, २०१८
लखनऊ: अयोध्यामें राम मन्दिर निर्माणको लेकर सन्तों ने एक बार पुनः नरेन्द्र मोदी शासनको घेरा है । सन्तोंका कहना है कि जब उच्चतम न्यायालयके निर्णयके पश्चात भाजपा शासन अनुसूचित जाति जनजाति विधेयकके लिए संशोधन ला रही है तो अयोध्यामें श्रीराम मन्दिर निर्माणके लिए विधान (कानून) क्यों नहीं बना सकती ? श्री रामललाके मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दासने कहा कि भाजपा शासन जब उच्चतम न्यायालयके निर्णयको नकार कर संशोधन विधेयक ला सकती है, तो अयोध्यामें मन्दिर निर्माणके लिए विधेयक क्यों नहीं ला सकती ?
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा रामके नामपर सत्ता में गई है और अब रामको भूल गई है ! उन्होंने कहा कि शासन जानबूझ कर प्रकरणको टालनेके प्रयासमें लगी हुई है । राम भक्त इसे स्वीकार नहीं करेंगे ! आचार्यने भाजपा शासनको चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी मतदानमें इसका परिणाम भुगतना पड सकता है । भाजपा अभी से सचेत हो जाए !
उधर, धर्मसेनाके अध्यक्ष कारसेवक सन्तोस डूबेका कहना है कि शासनको भव्य मन्दिर निर्माणके लिए विधेयक लाना चाहिए । यही सही समय है । उन्होंने कहा कि यदि अभी ऐसा नहीं हुआ तो शासन बचेगा नहीं ! उन्होंने कहा कि मन्दिर बनाया तो पुनः भाजपाका शासन बनेगा । वहीं श्री राम जन्म भूमि न्यासके अध्यक्ष महन्त नृत्य गोपाल दासका कहना है कि केन्द्रका भाजपा शासन बहुमतमें है । शासन अपने आप राम मन्दिरका निर्माण करेगा । जनताने केन्द्र और प्रदेश शासनको राम मन्दिर निर्माणके लिए ही चुना है । राम मन्दिर निर्माणका दायित्व शासनपर है ।
स्रोत : जी न्यूज
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