साधु-सन्तोंकी आपत्तिके बाद त्वरित परिवर्तित की गई रामायण एक्सप्रेसके चाकरकी वेशभूषा, रेलवेने दु:ख प्रकट किया और नूतन छायाचित्र दिखाए
२३ नवम्बर, २०२१
रामायण एक्सप्रेस ‘सर्किट विशेष रेलयान’के चाकरकी भगवा वेशभूषापर विवाद गहरानेके बाद भारतीय रेलवेने अपने निर्णयपर दु:ख प्रकट किया है । ‘आईआरसीटीसी’ने २४ नवम्बर २०२१, सोमवारको ‘ट्वीट’ किया, आपको सूचित किया जाता है कि रामायण एक्सप्रेस ‘सर्किट विशेष रेलयान’के चाकरकी (सर्विस स्टाफकी) पेशेवर वेशभूषाको पूर्णतः परिवर्तित कर दिया गया है । असुविधाके लिए ‘खेद’ है ।
यह सब, उज्जैनके साधु-सन्तोंने चाकरी देनेवाले चाकरकी वेशभूषापर आपत्ति जताई थी । सामाजिक जालस्थलपर इसका दृश्यपट भी सामने आया है । सार्वजनिक दृश्यपटमें रेलयानके चाकरको भगवा वस्त्र, धोती, पगडी और रुद्राक्षकी माला पहने हुए दिखाया गया है। साथ ही चाकर सन्तोंकी वेशभूषामें लोगोंको भोजन परोसते हुए और लोगोंके जूठे पात्रोंको भी उठाते हुए देखे गए हैं । साधु-सन्तोंने रेलमन्त्रीको पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि यदि चाकरकी वेशभूषा परिवर्तित नहीं की गई, तो वे रेलयान रोकेंगे और आगमी भ्रमणका विरोध करेंगे ।
इस वातानुकूलित यात्री रेलयानमें भगवान श्रीरामसे जुडे सभी धार्मिक स्थलोंका भ्रमण कराया जाता है ।
‘आईआरसीटीसी’की मंशा ठीक रही होगी; परन्तु इसका कार्यान्वयन अनुचित रीतिसे किया गया, जिसका विरोध होनेपर चूक सुधार ली गई । हिन्दुओंको इसी प्रकार ऐसे प्रकरणोंपर विरोध करनेकी सिद्धता रखनी होगी । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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