हिन्दुओंकी धर्मशून्यता, मन्दिरपर दावेको लेकर आपसमें भिडे दो गुट !!


जनवरी १६, २०१९

 

राजधानी देहलीमें स्टेशन रोड स्थित हनुमान मंदिरको स्थानान्तरित करनेके पश्चात इरगु टोलीमें एक मंदिरको लेकर दो गुटोंके मध्य तनाव हो गया । बुधवार, १६ जनवरीको इरगु टोलीमें स्थित हनुमान मंदिरपर दो पक्षोंने अपना-अपना अधिकार बताया । वस्तुतः, मंदिरके लिए भूमि देनेवाले गुटने मंदिरका नामकरण किया, जो दूसरे गुटको पसंद नहीं आया । दूसरे गुटने मंदिरके शिलापट और पटको उखाडकर फेंक दिया । इसके पश्चात दोनों पक्षोंके मध्य हंगामा आरम्भ हो गया, जिसकी सूचनापर पहुंची पुलिस विवादको सुलझानेमें जुटी हुई है ।

वस्तुतः, मंदिरके लिए भूमि देनेवाले गुटने मंदिरका नामकरण ‘मारुति नीलकंठ शक्ति मंदिर’ कर दिया । मंदिरका नामकरण दूसरे गुटको सहन नहीं हुआ और स्थानीय युवाओंद्वारा बनाई गई ‘राज क्लब समिति’ने मंदिरके शिलापट्ट और पटको उखाडकर फेंक दिया ! मंदिरके सामने ‘राज क्लब मंदिर समिति’का पट लगा दिया । प्रकरण इतना बढ गया कि मोहल्लेके सैकडों लोग मंदिरके पास एकत्र हो गए । घटनाकी सूचना मिलनेके पश्चात सुखदेव नगर थानाकी पुलिस वहांपर पहुंची और हंगामा कर रहे लोगोंको समझाकर शांत करनेका प्रयास किया ।

 

“हिन्दू धर्मको उतनी क्षति धर्मान्धोंसे नहीं हुई है, जितनी स्वार्थी व निधर्मी हिन्दुओंने की है ! प्राचीन समयमें देवालय धर्मस्थल माने जाते थे; परन्तु आज केवल समितियां बनाकर प्रसिद्धि व पैसा पानेका एक माध्यम मात्र बन गया है ! भ्रमित व धर्महीन युवा समितियां व गुट बना लेते हैं और स्वयंको मन्दिरका या किसी धर्मसमितिका अधिकारी घोषित करते हैं, तदोपरान्त एक-दूसरेसे लडते हैं, जिससे सामान्य जनमानस धर्मविमुख होता है और इसीका अवसर ईसाई मिशनरियां व धर्मान्ध उठाते हैं । इससे ही अनुमान लगाया जा सकता है कि मन्दिरका भार व देखरेख क्यों एक विद्वान ब्राह्मणके पास होनी चाहिए और अब यह केवल हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनाके साथ ही सम्भव है ! ”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : भास्कर



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