नवम्बर २, २०१८
प्रतिदिन सहस्त्रों भारतीयोंको अंग्रेज इंग्लिशको लेकर अपमानित करते, भारतीयोंपर अंग्रेजीको लेकर अत्यचार करते, भारतीयोंको अपशब्द कहते थे । देशको स्वतन्त्र हुए कई दशक हो गए है, परन्तु आज भी इस देशमें भारतीय अंग्रेजीको लेकर अपमानित किये जा रहे है ।
एक सम्मानित व्यक्तिको उसके वरिष्ठने केवल इसलिए डांटा, क्योंकि वह अंग्रेजी नहीं बोल पाते है ! यह प्रकरण उच्चतम न्यायालयका है ! समाचारके अनुसार एक एडिशनल डिस्ट्रिक न्यायाधीश उच्चतम न्यायालयमें अपनी पदोन्नतिको (प्रमोशनको) लेकर भारतके मुख्य न्यायमूर्ति रंजन गोगोईके समक्ष प्रस्तुत हुए, वो कह रहे थे कि उनकी पदोन्नति क्यों की जाए ?, उन्होंने क्या-क्या कार्य किया है, वो बता रहे थे, परन्तु वो सबकुछ हिन्दीमें बता रहे थे, इसपर रंजन गोगोईने एडिशनल डिस्ट्रिक न्यायाधीशसे अंग्रेजीमें कहा कि क्या तुम अंग्रेजी नहीं बोल सकते हो ?
न्यायाधीशने गोगोईसे हिन्दीमें कहा कि मुझे अंग्रेजी नहीं आती, इसपर उन्हें डांटकर रंजन गोगोईने कहा कि तुम अपने न्यायालयमें सारे कार्य हिन्दीमें करते होगे, परन्तु यदि तुम उच्चतम न्यायालयमें आए हो तो तुमको अंग्रेजी बोलनी ही होगी !
“एक राष्ट्रके न्यायामूर्ति सबके समक्ष राष्ट्रीय भाषाको अपमानित कर एक कनिष्ठ न्यायाधीशकी प्रतिभाको अंग्रेजीसे तुलना कर रहे हैं, इससे अधिक इस देशके लिए लज्जाजनक कुछ होगा क्या ? जहां राष्ट्रभाषाका अपमान हो व राष्ट्रप्रेम न हो ऐसे स्थानसे क्या धर्मोचित व शास्त्रोक्त न्यायकी अपेक्षा की जा सकती है और विश्वमें हमारी क्या छवि जाएगी ? स्वयं विचार करें ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : डीबीएन न्यूज
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