अप्रैल १८, २०१९
लोकसभा चुनावोंके मध्य दक्षिणपंथी और गैर-वामपंथी सामाजिक प्रसार माध्यमके उपभोक्ताओंकी आवाज कम्पनियोंद्वारा दबाया जाना जारी है । अंशुल सक्सेनाको ‘फेसबुक’ने प्रतिबन्धित किया, समाचार माधवयम ‘mynation’का फेसबुक पेज हटा दिया गया और अब ‘ट्विटर’ने ऋषि बागडीका (@rishibagree) ट्विटर खाता बिना कोई कारण बताए बन्द कर दिया है ।
भाजपा समर्थक और दक्षिणपंथी ऋषिने यह जानकारी अपने फेसबुक पेजसे दी । उन्होंने अपने ‘ट्विटर’ खातेकी पहुंचका विश्लेषण भी साझा किया, जिससे ज्ञात है कि उनकी पहुंच लगभग ४ कोटि ट्विटर उपभोक्ताओं तक थी । उन्होंने यह भी दावा किया कि कॉन्ग्रेस और अन्य विपक्षी दल उनकी पहुंच और लोकप्रियताको लेकर चिंतित थे ।
तीन सप्ताहके भीतर यह भारतीय राजनीतिक आवाजोंको विदेशी समाचार माध्यम कम्पनियोंद्वारा दबाए जानेकी तीसरी घटना है । इससे पूर्व दक्षिणपंथी अंशुल सक्सेनाका फेसबुक पेज भी ‘नग्नता फैलाने’के आरोपमें बन्द कर दिया गया था, जबकि वे नग्न चित्रोंकी एक प्रदर्शनीका विरोध कर रहे थे । उन्होंने जब अपना विरोध प्रकट किया तो फेसबुकने क्षमा मांगते हुए उनका खाता वापिस करनेकी बात कही; परन्तु उन्हें एक सप्ताह लटकानेके पश्चात ही उनका पेज आरम्भ हुआ, जबकि ध्रुव राठीका पेज कुछ घंटोंमें आरम्भ कर दिया गया ।
“गत कुछ वर्षोंमें सामाजिक जालस्थलोंका हिन्दुत्वनिष्ठ फेसबुक पेजोंके प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण उजागर हुआ है । कहनेको ये अपनी बात रखनेके माध्यम है; परन्तु गत कुछ वर्षोंमें ये केवल अहिन्दू पन्थों और विद्रोहियोंके विचार साझा करनेका माध्यम बन गए हैं; क्योंकि हिन्दू धर्मका सामान्य ज्ञान तक सीखानेपर पेजोंपर प्रतिबन्ध लगा दिए जाते हैं, इसीसे इनकी हिन्दुओंके प्रति विषकारी मानसिकताका बोध होता है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इण्डिया
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