जनवरी १५, २०१९
भारत शासनने देशमें घुसे रोहिंग्याओंद्वारा अयोग्य प्रमाणपत्रोंके आश्रय एकत्रित किए गए आधार कार्ड, चालक अनुमतिपत्र (ड्राइविंग लाइसेंस), मतदाता प्रमाणपत्र और दूसरे प्रमाणपत्रोंको निरस्त करना आरम्भ कर दिया है, ताकि वे इनका दुरुपयोग न कर सकें ।
केन्द्रीय गृह मन्त्रालयद्वारा ‘यूआइडीएआइ’को भेजे एक पत्रमें उन रोहिंग्याओंका ब्यौरा उपलब्ध करानेको कहा गया है, जिन्हें आधार कार्ड जारी किया जा चुका है, ताकि इन्हें तत्काल प्रभावसे निरस्त किया जा सके, जो पहले ही तेलंगानामें रह रहे १० रोहिंग्याओंके आधार कार्ड निरस्त कर चुका है ।
केंद्रने साथ ही राज्योंसे भी कहा है कि इन लोगोंके राज्य स्तरीय प्रमाणपत्रोंको भी शीघ्रातिशीघ्र निरस्त किया जाए !
इस सम्बन्धमें हुई एक बैठकमें सम्मिलित केन्द्रीय गृहमन्त्रालयके एक अधिकारीने बताया कि तेलंगानामें जिन १० आधार कार्डको निरस्त किया गया है, वे बैंक खातों और विभिन्न सरकारी योजनाओंसे जुडे थे ! इन्हें रोहिंग्याओंने अयोग्य ढंगसे बनवाया था । वे भारतीय नहीं हैं; इसलिए शासकीय योजनाओंका लाभ लेनेके अधिकारी नहीं हैं ।
केन्द्रने रोहिंग्याओंको वापस म्यांमार भेजना आरम्भ कर दिया है । इसी माह सात रोहिंग्याओंको म्यांमार भेजा गया है । यह रोहिंग्याओंका दूसरा समूह है, जिसे उनके देश भेजा गया है ।
“केन्द्र शासनद्वारा उठाया गया यह पग देरीसे है, परन्तु उचित है । शासन अब किसीभी प्रकारकी देरी न करते हुए, आतंकी रोहिंग्याओंको देशसे बाहरकी राह दिखाए और जो राज्य तुष्टिकरणमें इसकी अनदेखी करें, उन्हें निरस्त करें, यह सभी हिन्दुवादियोंकी मांग है”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ईपोस्टमोर्टम
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