दो महिलाओंने किया सबरीमालामें जानेका प्रयास, हिन्दुओंके प्रखर विरोधके कारण पुलिसने लौटाया वापस !


जनवरी १९, २०१९


शनिवार, १९ जनवरीको केरलके सबरीमाला मंदिरमें जानेका प्रयास करनेवाली दो महिलाओंको प्रदर्शनकारियोंके भयके कारण पंबा जनपदसे ही वापस लौटना पडा । उन महिलाओंको रोकनेके लिए वहां भीड एकत्र हो गई थी; इसलिए पुलिसने उन्हें वापस जानेके लिए कहा ।

‘टाइम्स नाउ’के अनुसार यह दोनों महिलाएं रेशमा निशांत और शनीला सजेश कन्नूरकी रहने वाली हैं । इन महिलाओंने इस माहके आरम्भमें भी मंदिरके भीतर जानेका एक प्रयास किया था । तब भी वह प्रवेश ना पा सकी थीं । यद्यपि, शनिवारको उनके साथ छह आदमी भी थे ।

सबरीमाला विवादको लेकर हो रहे प्रदर्शनोंने न केवल भक्तों वरन केरल शासन और राज्य पुलिस बलमें भी भय उत्पन्न कर दिया है । देश भरमें विशेषतया केरलमें हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं । साथ ही महिलाओंके प्रवेशके विरुद्ध उतरे प्रदर्शनकारी न्यायखलयके निर्णयको रद्द करनेकी भी मांग कर रहे हैं ! प्रदर्शनकारियोंके विपरित कई महिलाएं प्राणोंको संकट होनेके पश्चात भी मंदिरमें प्रवेश करनेका प्रयास कर रही हैं ।

यद्यपि मंदिरमें जानेका प्रयास करनेवाली कई महिलाओंको न केवल बाहरी प्रदर्शनकारियोंसे वरन उनके घरवालोंकी ओरसे भी विरोधका सामना करना पड रहा है । भगवान अयप्पाके मंदिरमें प्रवेशकर पूजा अर्चना कर इतिहास रचनेवाली महिला कनक दुर्गाको उन्हींकी सासका विरोध झेलना पडा ।

 

“कहते हैं कि नारी समाजकी शक्ति होती है, वह समाजमें संस्कार निर्माण करती है और न्याय करनेवाला देवरूप होता है । आज दोनों ही अपनी सीमाएं तोड उच्छृंखलताकी ओर चल पडे हैं तो ऐसेमें समाजका रक्षण सम्भव नहीं है; अतः अब केवल हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनाके साथ ही समाजका पवित्रीकरण व उद्दार सम्भव है; क्योंकि जब महत्वपूर्ण तन्त्र ही सड जाए तो हटाकर नूतन लाना ही पडता है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : फर्स्टपोस्ट



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