सांसारिक वस्तुसे प्राप्त होनेवाले सुखकी अपेक्षा साधनासे प्राप्त होनेवाले आनंदका अधिक महत्त्व होना!
सांसारिक वस्तुसे प्राप्त होनेवाले सुखकी अपेक्षा साधनासे प्राप्त होनेवाले आनंदका अधिक महत्त्व है; किन्तु यह वही समझ सकता है जो साधनारत है | बुद्धिसे इस तथ्यको समझना सम्भव नहीं !
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