सैन्य गौशालाका ‘गौधन’ केन्द्र और राज्‍यको विक्रयकर रही है सेना


जुलाई २, २०१८

भारतीय सेना अपनी २५ सहस्त्र दुधारू गायोंको प्रतीक राशिमें (टोकन अमाउण्ट) ‘राज्य डेयरी सहकारी समिति’ और अन्य शासकीय विभागोंको देने जा रही है । भारतीय सेना शीघ्र ही ३९ सैन्य फार्म्सको बन्द करने वाली है, ऐसेमें इनमें रह रही गायोंको प्रतीक राशिमें स्थानान्तरित किया जा रहा है । इन गायोंमें से अधिकतर गायोंका मूल्य १ लाख रुपये है ! पहले इन गायोंको नीलामीकेद्वारा विक्रयका प्रयास किया गया थी; लेकिन यह सफल नहीं हो सका था, जिसके बाद अब सेना इन गायोंको १००० रुपयकी  ‘प्रतीक राशि’में देने जा रही है । विवरणके अनुसार सेनाके पास ‘फ्रिसवाल’ प्रजातिकी लगभग २५ सहस्त्र गायें हैं ।

आपको बता दें कि ३९ सैन्य कृषिक्षेत्रोंको बन्द करनेका निर्णय गत वर्ष अगस्तमें लिया गया था और तीन माहका समय दिया गया था; लेकिन गायोंको कहां रखा जाए ?, इस प्रश्नके कारण इस निर्णयपर कार्य अभीतक नहीं किया जा सका था । २५००० से अधिक गायोंकी देखभालके लिए काफी धन लगता हैं । काफी प्रयासोंके पश्चात अब यह निर्णय लिया गया है कि इन सभी गायोंको १००० रुपयेके प्रतीक मूल्यपर विक्रय किया जाएगा ! राज्यकी शासकीय दुग्धशाला और अन्य विभागोंको ये गायें दी जाएंगी ! ऐसा होनेके बाद ३९ कृषि क्षेत्र बन्द हो जाएंगे और लगभग २० सहस्त्र एकडकी जमीन रिक्त हो जाएगी ।

‘इकनॉमिक टाइम्स’के अनुसार राज्य और केन्द्र शासनकी सहकारी दुग्धशाला और विभागोंमें गायोंको स्थानान्तरित करनेका आदेश जूनके अन्तमें आया था। १००० रुपयेके प्रतीक मूल्यमें इन गायोंको इन विभागोंमें भेजा जाएगा; लेकिन गायोंको ले जानेका व्यय भी उन्हींको उठाना होगा, जो इन्हें लेकर जाएंगे । रक्षा मन्त्रालयकी ओरसे इन ३९ फॉर्म्सको बन्द करनेका निर्णय गत वर्ष दिया गया था । इसके पश्चात लगभग ५७ सहस्त्र सैनिक मुक्त हो जाएंगे, जो अभी इनके कामकाजमें लगे हुए हैं । आपको बता दें कि सेनाके ये सभी फॉर्म्स मेरठ, अम्बाला, झांसी, श्रीनगर और लखनऊमें फैले हुए हैं ।

स्रोत : जनसत्ता



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


सूचना: समाचार / आलेखमें उद्धृत स्रोत यूआरऍल केवल समाचार / लेख प्रकाशित होनेकी तारीखपर वैध हो सकता है। उनमेंसे ज्यादातर एक दिनसे कुछ महीने पश्चात अमान्य हो सकते हैं जब कोई URL काम करनेमें विफल रहता है, तो आप स्रोत वेबसाइटके शीर्ष स्तरपर जा सकते हैं और समाचार / लेखकी खोज कर सकते हैं।

अस्वीकरण: प्रकाशित समाचार / लेख विभिन्न स्रोतोंसे एकत्र किए जाते हैं और समाचार / आलेखकी जिम्मेदारी स्रोतपर ही निर्भर होते हैं। वैदिक उपासना पीठ या इसकी वेबसाइट किसी भी तरहसे जुड़ी नहीं है और न ही यहां प्रस्तुत समाचार / लेख सामग्रीके लिए जिम्मेदार है। इस लेखमें व्यक्त राय लेखक लेखकोंकी राय है लेखकद्वारा दी गई सूचना, तथ्यों या राय, वैदिक उपासना पीठके विचारोंको प्रतिबिंबित नहीं करती है, इसके लिए वैदिक उपासना पीठ जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं है। लेखक इस लेखमें किसी भी जानकारीकी सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता और वैधताके लिए उत्तरदायी है।

विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution