मार्च २९, २०१९
बिहार पुलिसकी आतंक निरोधी दलने पुणेसे एक और आतंकी शरीयत मण्डलको बन्दी बनाया है । उसके पाससे २ भ्रमणभाष व १ ‘माइक्रो एसडी कार्ड’ मिले हैं । वह पुणेके चाकन थानांतर्गत वसूली गांवमें रहता था । यद्यपि पश्चिम बंगालके नादिया जनपदके वाजिदपुर गांवका निवासीका मूल निवासी है । एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णनके अनुसार आतंकी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ बांग्लादेश’से (आईएसबीडी) जुडा शरीयत मंडल भारतमें ‘आईएसआईएस’के संगठनकी स्थापना व विस्तारके काममें लगा हुआ था । इससे पूर्व गत रविवारको पटना जंक्शनके पाससे पकडे गए दो बांग्लादेशी आतंकी खैरुल मंडल व अबू सुल्तान भी सीरिया जाकर ‘आईएसआईएस’के साथ मिल कर जेहादमें सम्मिलित होना चाहते थे । जांचमें इन दोनों आतंकियोंसे मिली जानकारीपर ‘एटीएस’ने (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड) महाराष्ट्रके ‘एटीएस’के सहयोगसे पुणेमें छापेमारी करके आतंकी शरीयतको बन्दी बना लिया । पुणेमें अपनी पहचान छिपानेके लिए वह निर्माण कार्य भी करता था । आतंकी शरीयतको पटना लाया जा रहा है । यहां आनेपर उससे पूछताछमें कई आैर महत्त्वपूर्ण राज खुल सकते हैं ।
बांग्लादेशी आतंकियोंका समूह लगभग वर्षभरसे देशके विभिन्न भागोंमें सक्रिय था । इनमें खैरुल आतंकी संगठन ‘जमीयत-उल-मुजाहिदीन’के संस्थापक सदस्योंमें सम्मिलित रहा है ।
आतंकवादियोंके साथ भी होनेकी आशंका है । इसका कारण है कि बन्दी बनानेके समय आतंकियोंके पास मिला जम्मू-कश्मीरमें ‘पारा मिलिट्री फोर्स’की तैनातीसे जुडे आदेशका पत्र ।
“आतंकी बंगालका निवासी है । बंगाल शासनने जिसप्रकार बांग्लादेशसे जिहादियोंको घुसाया है और वे फैलकर जिहाद करनेका अवसर देखते रहते हैं, इससे न केवल बंगालकी वरन आसपासके राज्योंकी स्थिति भी विकट हो गई है । आजके शासनकर्ता अपनी कुर्सी बचानेमें व्यस्त हैं और उधर आतंकी निपुणतासे अपना कार्य कर रहे हैं ! वस्तुतः इस देशकी यह घृणित राजनीति ही देशकी अधोगतिका कारण है । राज्यकर्ता रक्षा और अन्य प्रकरणपर ध्यान देते नहीं है और आपसी युद्धमें लगे रहते हैं और उधर आतंकी अपना कार्य करते है । इस स्थितिको परिवर्तन करने हेतु अब इन राष्रद्रोही दलोंको सत्ताच्युत करना आवश्यक है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : भास्कर
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