पितृपक्षमें या वार्षिक श्राद्धमें अथवा किसीकी मृत्यु हो जानेपर कुछ व्यक्ति समाचार पत्रमें श्रद्धाञ्जलिके रूपमें पितरोंके छायाचित्र (फोटो) छपवा देते हैं और सोचते हैं कि ऐसा करनेसे उनके पितरोंको गति मिल जाएगी ! कुछ लोग श्राद्ध या ब्राह्मण भोजनके स्थानपर निर्धनोंको या दरिद्रको खिला देते हैं, तो ध्यानमें रखें शास्त्र अनुसार जो विधि बताई गई है, उसमें सन्तोंके या ऋषियोंके संकल्प तो होते ही हैं, उनके आधारभूत सूक्ष्म आध्यात्मिक कारण भी होते हैं । इसीलिए पितरोंकी सद्गति हेतु शास्त्रानुसार जो बताया गया हो उसे ही करनेका प्रयास करें !
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