अनायासेन मरणं विना दैन्येन जीवनम् । देहान्ते तव सायुज्यं देहि मे पार्वतीपते ॥ अर्थ : सहजतासे मृत्यु, बिना कष्टके जीवन और देहांतके पश्चात सायुज्य मुक्ति(आपसे एकरूपता ), हे पार्वतीपति, यह सब देनेकी कृपा करें !
हर एक जीव की यही इच्छा होती है। अपितू वो मोह वश होकर और ऊद्दिष्ट के पिछे दौडता है.
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *
Website
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
हर एक जीव की यही इच्छा होती है। अपितू वो मोह वश होकर और ऊद्दिष्ट के पिछे दौडता है.