एक साधक : ‘मुझे साधना और सेवामें उत्साह नहीं लगता है तथा इनका महत्त्व घट गया लगता है ।’
परात्पर गुरु डॉ. आठवले : आपके साथ रहनेवाले साधकोंको क्या लगता है ? (उपस्थित साधकोंने बताया कि ‘इनकी साधना अच्छी हो रही है ।’) हमें अपनी साधनाकी स्थिति ठीकसे नहीं समझती, इसके लिए साधकोंको सहसाधकोंसे सहायता लेनी चाहिए । आजकल आपको जो नहीं लगता, वह कालका प्रभाव है । आगामी २ वर्ष तक ऐसा ही लगेगा । आपको साधनाकी चिन्ता न हो, इसके लिए ‘यह कालानुसार हो रहा है’, ऐसी स्वयंसूचना मनको दें । वर्तमान में काल अधिक बलवान है; परन्तु धीरे-धीरे उसका बल घटता जाएगा ।…… https://sanatanprabhat.org/hindi/7062.html
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