कई साधकोंकी सेवाएं बैठकर करनेवाली होती हैं, जिससे उनके शरीरका व्यायाम नहीं होता । इस कारण आरोग्य बिगडकर त्वचाके नीचे गांठ बनना जैसे अनेक विकार होते हैं, सेवा करनेकी क्षमता भी न्यून होती है । इससे बचनेके लिए प्रतिदिन १५-२० मिनिट शरीरके प्रत्येक स्नायुका व्यायाम हो, अतः सूर्यनमस्कार एवं अन्य व्यायाम करें ! इस कारण १५-२० मिनिट सेवा कम हुई तो भी चलेगा ।
Leave a Reply