भगवान श्रीकृष्णको व्यभिचारी कहनेवाली सृष्टिको ‘न्यूजलॉन्ड्री’ने दिया ‘प्लेटफॉर्म’


०३ मार्च, २०२१
     सृष्टि जसवाल जुलाई २०२० में चर्चा में रही थी । उसने एक ‘ट्वीट’में भगवान श्रीकृष्णके लिए अपमानजनक टिप्पणी की थी । तब ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ने उसे चाकरीसे निकाल दिया था । अब यही सृष्टि ‘न्यूजलॉण्ड्री’के लिए लेख लिख रही है । सृष्टि जसवालने भगवान श्रीकृष्णको व्यभिचारी और फोबिया ग्रसित पागल (उन्मत्त) बताया था । उसका कहना था कि भगवान श्रीकृष्णके विषयमें ये सब उसने हिन्दू ‘माइथोलॉजी’में पढा है । इस ‘ट्वीट’को लेकर भाजपा नेता गौतम अग्रवालने उसके विरूद्ध परिवाद प्रविष्ट किया है । विवाद बढनेपर ‘एचटी’ने सृष्टि जसवालको बाहर निकाल दिया था ।
     ‘देडेलीस्विच’की ‘रिपोर्ट’के अनुसार, धुर वामपन्थी प्रोपेगेण्डा जालस्थल  ‘न्यूजलॉण्ड्री’के लिए सृष्टि जनवरीसे अबतक तीन लेख लिख चुकी है । सृष्टिपर ‘न्यूजलॉण्ड्री’के लेखने एक बार पुनः इस बातको सिद्ध किया है कि घृणा और ‘हिन्दूफोबिक’ होना वामपन्थी मीडिया सङ्गठनोंमें लिखनेकी पहली ‘शर्त’ है । हिन्दू घृणाकी ‘दुकान’के रूपमें कुख्यात  ‘न्यूजलॉण्ड्री’का एक ऐसा ही स्तम्भकार शरजील उस्मानी भी है । इस्लामी कट्टरपन्थी उस्मानी देहली उपद्रवमें आरोपी है । देहली उपद्रवके मध्य पुलिसपर बन्दूक ताननेवाले शाहरुखको उसने ‘मुजाहिद’तक कहा था !
      गत सात वर्षोंसे भारतमें प्रथम बार प्रशासनकी सोच व कार्यशैली राष्ट्रवादी विचारधारासे मेल खा रही है । कारणवश वामपन्थी, कांग्रेस, जिहादियों व ‘अर्बन नक्सलियों’की कुण्ठा इतनी अधिक हो गई है कि वे एक निर्धारित ‘एजेण्डा’पर कार्य कर रहे हैं । उनका मुख्य उद्देश्य बहुसङ्ख्यकोंको नीचा दिखाना है एवं उनको भडकाकर उपद्रव कराना एवं विश्व पटलपर भारतीय शासनको अल्पसङ्ख्यकोंका शत्रु दिखाना है । शासनको संज्ञान लेकर इन सबके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करनी चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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