मार्च ४, २०१९
नवजोत सिंह सिद्धूने एक बार पुनः विवादित वक्तव्य देकर भारतद्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरोंपर की गई ‘एयर स्ट्राइक’का राजनीतिकरण करनेका प्रयास किया है । इससे पूर्व पुलवामा आक्रमणके पश्चात पाकिस्तानका बचावकर वो लोगोंके लक्ष्यपर आ चुके हैं । सोमवार, ३ मार्चको किए गए एक ट्वीटमें सिद्धूने कहा,
“३०० आतंकी मारे गए । हां या नहीं ? तो इसका क्या उद्देश्य था ? आप आतंकियोंको मार गिराने गए थे या पेडोंको ? क्या यह चुनावी हथकंडा है ? विदेशी शत्रुसे लडनेके नामपर हमारे लोगोंसे छल हुआ है । सेनाका राजनीतिकरण बंद कीजिए । ऊंची दुकान-फीका पकवान ।”
नवजोत सिंह सिद्धू एयर स्ट्राइकका साक्ष्य मांगनेवाले एकाकी नेता नहीं है । कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंहने भी साक्ष्य मांगे है । दिग्विजय सिंहने कहा कि जिसप्रकार अमेरिकाने ओसामा बिन लादेनके मारे जानेके पश्चात साक्ष्य जारी किए गए थे, कुछ ऐसा ही भारत शासनको भी करना चाहिए ।
“सिद्धू ‘स्ट्राइक’के प्रथम दिवस ‘जय हिन्द’ बोलकर अभिवादन कर रहे थे और आज इधर-उधरसे सुनकर कह रहे हैं कि पेड उखाडने गए थे तो उनके किस वक्तव्यको सत्य माना जाए ? व्यक्तिका एक मानदण्ड और कुछ दृष्टिकोण होता है, जिसपर वह चलता है; परन्तु जो एक दृष्टिकोणपर नही नहीं टिके हैं, जो बार-बार दलके साथ-साथ अपना दृष्टिकोण भी परिवर्तित करते हैं, ऐसे लोगोंपर तो स्वयं उनके अपने भी विश्वास नहीं करते हैं तो राष्ट्रके लोग किसप्रकार करेंगें ? और सेनापर दोषारोपणसे पूर्व व्यक्तिको स्वयंसिद्ध होना पडता है । सेना प्रतिक्षण देशकी सेवामें सतर्क रहती है और सिद्धू जीवनका एक कृत्य बताएं, जिससे राष्ट्रका भला हुआ हो ! सिद्धूको यह ज्ञात होना चाहिए कि यह कोई ‘लाफ्टर शो’ नहीं है, यह राष्ट्रका मान और उसकी सुरक्षाका प्रकरण है । ऐसे निष्क्रिय व विद्रोही लोग केवल इस राष्ट्रपर भार मात्र ही है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इण्डिया
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