सितम्बर २६, २०१८
सुब्रमण्यम स्वामीने देशके सर्वोच्च न्यायालयमें एक बार पुनः रामसेतुका प्रकरण उठाया है । उन्होंने रामसेतुको ‘राष्ट्रीय धरोहर’ घोषित करनेकी याचिका दी है । स्वामीने कहा कि न्यायालयने इसपर केन्द्र शासनको अधिसूचना (नोटिस) दी थी । दस वर्ष हो गए; लेकिन शासनने अभी तक याचिकाका उत्तर नही दिया । इस पर न्यायालयने कहा कि दस दिवस और प्रतिक्षा करो !
वैसे बता दें कि मोदी शासन रामसेतुपर अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है । केन्द्र शासनने न्यायालयमें ‘सेतु समुद्रम परियोजना’ और रामसेतुके बारेमें रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि समुद्रमें जलयानोंकी आवागमनको सुगम बनाने के लिए प्रस्तावित ‘सेतु समुद्रम परियोजना’के लिए रामसेतुको कोई हानि नहीं पहुंचाया जाएगी । परियोजनाके लिए शासन कोई दूसरा वैकल्पिक मार्ग ढूंढेगी । स्वामीने अपनी याचिकामें कहा है कि रामसेतु लाखों हिन्दुओंकी आस्थासे जुडा है । इसे न तोडा जाए और रामसेतुको ‘राष्ट्रीय धरोहर’ घोषित किया जाए !
“हिन्दुओंकी आस्थाका मान रखते हुए शासन त्वरित इसे ‘राष्ट्रीय धरोहर’ घोषित करें ! राजा रामके देशमें भक्तोंको राम मन्दिर व रामसेतुके लिए भी शासन व न्यायालयोंकी ओर देखना पड रहा है, इससे बडी विडम्बना क्या होगी ?” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : दैनिक जागरण
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