जनवरी १५, २०१९
उच्चतम न्यायालयने मंगलवार, १५ जनवरीको कहा कि न्यायाधीशोंमेंसे एकके चिकित्सकीय अवकाशपर होनेके कारण, सबरीमलापर उसके आदेशको लेकर प्रविष्ट पुनर्विचार याचिकाओंपर सुनवाई सम्भवतः २२ जनवरीसे आरम्भ न हो सके । प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोईकी अध्यक्षता वाली पीठने कहा कि न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा चिकित्सकीय कारणोंसे अवकाशपर हैं । वह सबरीमला प्रकरणमें निर्णय सुनानेवाली पांच न्यायाधीशोंकी संविधान पीठमें सम्मिलित एक मात्र महिला न्यायाधीश हैं । पीठने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा कुछ चिकित्सकीय कारणोंसे अवकाशपर हैं ।” इस पीठमें न्यायमूर्ति एल नागेशवर राव और न्यायमूर्ति एस के कौल भी हैं । पीठने कहा कि सुनवाई निर्धारित की गई तिथिसे सम्भवतः नहीं आरम्भ हो पाएगी । यह बात पीठने तब कही, जब अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदुंपराने प्रकरणका उल्लेख किया और पुनर्विचार याचिकाओंपर सुनवाईके सीधे प्रसारणकी मांग की । इन याचिकाओंमें सबरीमला मंदिरमें सभी आयु वर्गकी महिलाओंको प्रवेशकी अनुमति देनेके उच्चतम न्यायालयके आदेशकी समीक्षाकी मांग की गई है ।
“देशके न्यायालयोंके पास हिन्दुओंके मुख्य प्रकरणको छोडकर सभीके लिए समय है ! उधर सहस्रों हिन्दुओंको न्यायालयके निर्णयके कारण बन्दी बनाया जा रहा है, उनके घरोंमें घुसा जा रहा है, कई मारे जा चुके हैं और न्यायालय अपनी चूक स्वीकार करनेके स्थानपर ऐसे वक्तव्य दे रहा है, यह लज्जाका विषय है और इससे ज्ञात होता है कि हिन्दुओंके लिए न्यायकी आशा व्यर्थ है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : नभाटा
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