समाजमें अनिष्ट शक्तिके कष्टसे संबन्धित कितनी अनभिज्ञता है – इस संदर्भमें उपासनाके आध्यात्मिक उपाय एवं मार्गदर्शन केन्द्रमें आई एक स्त्रीके तथ्योंसे ज्ञात होगा | उन स्त्रीको पिछले सत्रह वर्षोंसे अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट था, उनके माता-पिताजीने पहले कुछ आध्यात्मिक उपाय किए उसमें सफलता न मिलनेपर वे उन्हें मनोरोग विशेषज्ञके पास ले जाने लगे और दस वर्षोंसे वे बिना मनोरोगी हुए उसे मनोरोगकी औषधियां दी जाती रहीं | एक दिवस अंतर्जालपर उन्हें जब हमारे आध्यात्मिक उपाय केंद्रके बारेमें ज्ञात हुआ तो वे और उनके पति अगले ही दिवस पंजाबसे हमारे पास आयें | उस स्त्रीकी मनोदशा देख मेरा भी मन द्रवित हो गया, वे पंद्रह मिनिट तक मुझसे लिपटकर मात्र बिलखती रहीं और कहती रहीं मेरी व्यथा कोई नहीं समझता और ईश्वरीय कृपासे मात्र प्रन्द्रह दिवसमें ही उनके 90% प्रतिशत कष्ट नष्ट हो गए, शेष दस प्रतिशत कष्ट मानसिक स्तरका है, वह भी यदि वे अपने स्वभाव दोषोंको दूर करने का प्रयास करेंगी तो वे भी कष्ट समाप्त हो जाएंगे | आजके मनोरोग विशेषज्ञोंको भी अध्यात्म सिखानेकी कितनी आवश्यकता है यह ध्यानमें आया ! – तनुजा ठाकुर (१३.१०.२१०७)
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