कोरोना संकटमें भारतके अनेक मन्दिरोंने पुनः खोले सहायताके द्वार


०२ मई, २०२१
  कोरोना महामारीके कारण आज सम्पूर्ण राष्ट्र त्रस्त है । प्रत्येक राज्यमें स्वास्थ्य सुविधाएं असन्तुलित हो चुकी हैं व नित्य लोग अपने प्राण खो रहे हैं । ऐसे संकटकालमें केवल केन्द्र व राज्य शासन ही नहीं; अपितु अनेक संस्थाएं भी सहायता हेतु अग्रसर हैं । इसी क्रममें भारतके विभिन्न मन्दिरोंने भी सहायता हेतु अपने द्वार खोल दिए हैं । कहीं महामारीमें सहायता हेतु धन प्रदान किया जा रहा है तो कहीं अनेक मन्दिरोंने अपने परिसरको ‘कोविड-19 सेंटर’ बना दिया है । इसमें विशेष बात यह है कि यह वही मन्दिर हैं, जो सदैव वामपन्थियोंकी दृष्टिमें चुभते रहते हैं । इन्हें मिलने वाले दानपर वह सदैव प्रश्न उठाते थे; परन्तु अब इस संकटकालमें मन्दिरोंने पुनः निस्वार्थ भावसे नागरिकोंकी सेवा हेतु यह पग उठाया है । इसी शृंखलामें पटनाके महावीर मन्दिरने सहायताका स्तम्भ स्थापित किया है व अपने परिसरमें ‘ऑक्सीजन सिलेंडर’ भरनेकी निशुल्क सेवा प्रदान कर रहा है । मुंबईके जैन समुदायके मन्दिरने भी अपने परिसरमें १०० शय्या वाले केन्द्र बनाए हैं । मुंबईके स्वामीनारायण मन्दिरने अपने परिसरको चिकित्सालयमें परिवर्तित कर दिया है । प्रसिद्ध बुलढाणा जनपदके शेगांवमें स्थित सन्त गजानन न्यासने ५०० शय्या प्रदान करनेको कहा है व अपनी सामुदायिक रसोईसे नित्य २००० लोगोंके लिए भोजनकी भी व्यवस्था की है ।
     मन्दिरोंने सहायताके द्वार खोले इसमें कोई आश्चर्यकी बात नहीं है; क्योंकि चिरकालसे मन्दिर जनकल्याण हेतु कार्य करते ही रहे हैं; परन्तु हिन्दूद्रोही निरन्तर मन्दिरोंका विरोध करते हैं, उनतक यह जानकारी पहुंचाई जानी चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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