हिन्दुओंकी विजय, सबरीमाला दर्शनके लिए आईं ११ तथाकथित समाजसेविकाओंको वापस भेजा !!


दिसम्बर २३, २०१८


केरलके सबरीमाला मन्दिर विवादपर एक बार पुनः तनावकी स्थिति उत्पन्न हो गई है । रविवार, २३ दिसम्बरको प्रातः भगवान अयप्पाके दर्शनके लिए ११ महिलाओंने जंगलके रास्तेसे जानेका प्रयास किया । इन महिलाओंकी आयु ५० वर्षोंसे कम बताई जा रही है, परन्तु वह प्रदर्शनकारियोंके रहते हुए मन्दिरमें प्रवेश नहीं कर पाईं । प्रदर्शनकारी वहां विरोधमें मन्त्रोंका जाप कर रहे थे ।

चेन्नई स्थित मैनिथी नामक संगठनसे आने वाली ये महिलाएं अब पम्बामें सडकपर बैठ गईं, इनकी सुरक्षाके लिए वहां पुलिस भी उपस्थित थी । पथानामथिट्टाके मजिस्ट्रेटने तनावको देखते हुए २७ दिसम्बर तक धारा- १४४ बढा दी है । महिलाओंके इस समूहके आगे अयप्पा श्रद्धालु प्रदर्शन कर रहे थें । प्रदर्शन कर रहे कई श्रद्धालुओंको पुलिसने बन्दी भी बना लिया !

भाजपाके वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामीने कहा नक्सली दिमाग वाले लोग महिलाओंको भडका रहे हैं । आज यहां अशांतिका भय बना हुआ है । स्वामीने कहा कि ये लोग हिन्दू धर्मसे घृणा करने वाले हैं और साम्यवादी शासनद्वारा कार्यवाही की जानी चाहिए ।

पंबामें विशेष अधिकारी शाजी सुगुनानने कहा कि यहां ११ महिलाओंका समूह मन्दिरमें दर्शनके लिए आया था, परन्तु उन्हें अन्य श्रद्धालुओंने रोक लिया । महिला श्रद्धालु अब लौट रही हैं । हम बलोंका प्रयोग नहीं कर रहे हैं । इससे व्यवस्थाकी समस्या उत्पन्न हो सकती है ।

११ महिलाओंके समूहमेंसे एक महिला थिलाकावाथीका कहना है, “हम तब तक प्रदर्शन करेंगें, जब तक हमें मंदिरके भीतर भगवान अयप्पाके दर्शन नहीं करने दिया जाता । पुलिसने सुरक्षाको ध्यानमें रखते हुए हमें वापस जानेको कहा, परन्तु हम नहीं जाने वाले । हमारे समूहके अन्य सदस्य भी शीघ्र आने वाले हैं । पंबाके स्थानीय मन्दिरके पुजारी हमें समर्थन नहीं दे रहे और परम्परासे हमें पूजा नहीं करने दी जा रही है ।”

परंपरागत पोशाकमें आई इन महिलाओंने मन्दिरमें दर्शनके लिए पुलिससे सहायताकी भी मांग की है । पम्बा जो कि मन्दिरसे पांच किलोमीटरकी दूरीपर स्थित है, वहां भीडके आनेकी भी सूचना है । पुलिसने अब इस समूहके प्रतिनिधिसे बात करनेका निर्णय किया है । तनाव इसलिए अधिक बढ गया है, क्योंकि इन महिलाओंने कहा है कि उनके संगठनसे ५० महिलाएं रविवारको दर्शनके लिए मन्दिर पहुंचेंगी । समूहमेंसे एक महिलाका ये भी कहना है कि उनके समूहमें ओडिशा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडुकी महिलाएं भी हैं ।

 

“हिन्दुओंके अस्थास्थानसे छेडछाड कर अपने अनुसार निर्णय देनेके कारण ही सबरीमालामें गत ३-४ माहसे तनावपूर्ण स्थिति है, जिसे वहांकी हिन्दू द्रोही शासनने बढा दिया है, परन्तु केरलके हिन्दू भाइयोंका धर्मप्रेम अवश्य ही प्रशंसनीय है, जिसके कारण वहांपर अभी तक एक आवश्यक परम्पराको तोडने नहीं दिया गया !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : अमर उजाला



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution