४ मुसलमान पत्रकारोंको देहली ’पुलिस’ने पकडा, वास्तविकता आई सामने, असत्य प्रसारित कर रहा है ‘द क्विंट’
५ अप्रैल, २०२२
वापमन्थी समाचार ‘पोर्टल’ ‘द क्विंट’ असत्यका प्रसारित करते हुए पकडा गया है । ‘चैनल’के सवांददाता मेघनाथ बोसने देहली ‘पुलिस’पर मुसलमान पत्रकारोंको अभिरक्षामें लिए जानेका आरोप लगाया था, जिसका देहली ‘पुलिस’ने खण्डन किया है । रविवार, ३ अप्रैल २०२२ को बोसने ‘दावा’ किया था कि हिन्दू महापंचायत कार्यक्रममें हिन्दू ‘भीड’द्वारा उनपर आक्रमण किए जानेके उपरान्त, ‘पुलिस’ने चार अन्य मुसलमान पत्रकारों सहित उन्हें अभिरक्षामें ले लिया था ।
विदित हो कि रविवारको देहलीके बुराडी क्षेत्रपर ‘सेव इंडिया फाउंडेशन’ने हिन्दू महापंचायतका आयोजन किया था । पंचायतके फलकमें इसके विचारयोग्य सूचीका बताया गया था । जिसमें मन्दिरोंको शासकीय नियन्त्रणसे मुक्त करने, धर्मान्तरण विरोधी विधान, समान नागरिक संहिता समेत कई अन्य प्रकरणोंके समाधानकी मांगकी गई थी । आरोप लगानेवाले ‘क्विंट’ पत्रकार मेघनाद बोसने विश्वासपूर्वक कहा था कि महापंचायतका समाचार लेते समय मीर फैसल और मोहम्मद मेहरबान नामके पत्रकारपर हिन्दू ‘भीड’द्वारा आक्रमण किया गया था । बोसने हिन्दू महापंचायतको मुसलमान विरोधी कार्यक्रम बताया था ।
उप ‘पुलिस’ महानिरीक्षकने भ्रामक समाचार प्रसारित करनेवालोंके विरुद्ध कार्यवाही करनेकी बात कही है । उल्लेखनीय है कि ‘क्विंट’ पत्रकार मेघनाथ बोस वही व्यक्ति हैं, जिनपर २०१८ में ’मी टू’का आरोप लगाया गया था । एक महिलाने आरोप लगाया था कि जब वे मदिराके मदमें थी तो बोसने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया।
विशेष बात यह है कि जैसे ही मेघनाथ बोसने ‘ट्विटर’पर ये आरोप लगाया तो उसके उपरान्त तुरन्त पाकिस्तानके महावाणिज्य दूतावास वैंकूवरके आधिकारिक ‘ट्विटर हैंडल’ने कई ‘ट्विटर अकाउंट’को ‘टैग’ करके उन्हें उत्तर दिया । पाकिस्तानी अधिकारियोंने कोई टिप्पणी तो नहीं की; किन्तु उसने मानवाधिकार निकायों, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ आदिके आधिकारिक ‘अकाउंट्स’को ‘टैग’ किया ।
वामपन्थी समाचार माध्यम मानसिक रूपसे कितने दूषित हैं कि सत्य और सामाजिक सद्भावको सदैव बिगाडनेके प्रयोजनमें लगे रहते हैं । ऐसे समाचार माध्यमोंपर तुरन्त प्रतिबन्ध लगे और इनके पत्रकारोंका सामाजिक बहिष्कार हो ऐसे प्रयास होने होने चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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