दिसम्बर ३१, २०१८
राज्यसभामें केन्द्र शासन सोमवार, ३१ दिसम्बरको तीन तलाक विधेयक प्रस्तुत किया, इससे पूर्व तीन तलाक विधेयक लोकसभामें पारित हो चुका है । इस विधेयकको लेकर जम्मू कश्मीरकी पूर्व मुख्यमन्त्री महबूबा मुफ्तीने भाजपापर लक्ष्य साधा है ।
महबूबा मुफ्तीने कहा है कि तीन तलाक विधेयक लाकर भाजपा हमारे घरोंमें घुस रही है । मुफ्तीने आगे कहा कि इससे हमारे पारिवारिक जीवनको अस्त-व्यस्त करेगा । इसके अतिरिक्त इससे महिलाओं और पुरुषों दोनोंको आर्थिक रूपसे भी हानि होगी ।
जम्मू कश्मीरकी पूर्व मुख्यमन्त्री मुफ्तीने कहा कि मेरा भी विवाह टूटा है और मैं समझ सकती हूं कि विवाह टूट जानेके पश्चात महिलाओंको आर्थिक रूपसे सबसे बडी परिस्थितियोंका सामना करना पडता है । उन्होंने आगे कहा कि जब मुसलमानोंके आरक्षणकी बात आती है तो भाजपा उसे धार्मिक आधारपर अस्वीकार कर देती है ।
वहीं, इससे पहले अखिल भारतीय कांग्रेस समिति महासचिव के सी वेणुगोपालने शनिवारको कोच्चिमें संवाददाताओंसे कहा कि हम अन्यके साथ मिलकर विधेयकको सदनमें पारित नहीं होने देंगें । उन्होंने कहा कि १० विपक्षी दल लोकसभामें मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, २०१८ के विरुद्ध खुलकर सामने आए थे । वेणुगोपालने कहा कि यहां तक कि अन्नाद्रमुक सहित जो दल विभिन्न मुद्दोंपर शासनका समर्थन करते हैं, उन्होंने भी विधेयकका विरोध किया ।
“इससे यही स्पष्ट होता है कि कांग्रेस व तथाकथित मुस्लिम समर्थक दल इस्लाम भक्तिमें इतने व्यस्त है कि वे भूल चूके हैं कि क्या उचित है और क्या अनुचित ? महबूबाजी स्वयं एक महिला हैं, परन्तु राजनीतिसे प्रेरित होकर उनके ऐसे वक्तव्य मुस्लिम महिलाओंके लिए अशोभनीय है । जब वे स्वयं इस क्रूर इस्लामिक प्रथाकी भुक्तभोगी हैं तो कैसे इसका समर्थन कर सकती हैं और मुस्लिम महिलाएं स्वयं न्याय हेतु आती हैं, तभी शासनको विधान हेतु बाध्य होना पडा है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : लाइव हिन्दुस्तान
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