अगस्त २२, २०१८
कोलकाता उच्च न्यायालयने पश्चिम बंगाल शासनको यह सुनिश्चित करनेके निर्देश दिए हैं कि किसी सार्वजनिक स्थलपर पशुओंका वध न हो । उच्च न्यायालयने राज्य शासनके अधिकारियोंको ऐसे आवश्यक पग उठानेके भी निर्देश दिए, जिससे अगले वर्ष बकरीदसे पूर्व पश्चिम बंगाल ‘पशु वध नियन्त्रण कानून -1950’के प्रावधानोंपर सुनिश्चित कार्यवाही हो ।
एक जनहित याचिकापर न्यायालयके पहलेके एक आदेशमें राज्य शासनद्वारा प्रविष्ट एक संशोधन आवेदनपर आदेश पारित करते हुए मुख्य न्यायाधीश जे. भट्टाचार्यकी अध्यक्षता वाली खण्डपीठने हैरानी जताई कि राज्यके पास ६८ वर्ष प्राचीन विधानके (कानूनके) प्रावधानोंको लागू करानेका तन्त्र नहीं है !
न्यायमूर्ति ए. बनर्जीकी सदस्यता वाली पीठने कहा, ‘किसीने निश्चित रूपसे अपेक्षा की होगी कि इस समय तक राज्यके पास एक ऐसा तन्त्र होगा ताकि १९५० के उक्त विधानके, जो विधानमण्डलद्वारा ही बनाया गया है, प्रावधानोंको लागू किया जा सके ।’
न्यायालयने महाधिवक्ता किशोर दत्ताकी ओर से प्रविट संशोधन आवेदनको स्वीकृत कर लिया, ताकि वैधानिक प्रावधानोंपर इस वर्षके स्थानपर अगले वर्ष ईदसे पूर्व अमल सुनिश्चित किया जा सके ।
स्रोत : जी न्यूज
Leave a Reply